यूपी में घर गिराए जाने का मामला: SC में जमीयत उलमा ए हिंद ने दाखिल किया ये प्रति उत्तर
उत्तर प्रदेश में पत्थरबाजों और विरोध प्रदर्शन करने वालों के घर बुल्डोजर से ढहाए जाने के मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल यूपी…
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उत्तर प्रदेश में पत्थरबाजों और विरोध प्रदर्शन करने वालों के घर बुल्डोजर से ढहाए जाने के मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल यूपी सरकार के हलफनामे पर जमीयत उलमा ए हिंद ने प्रति उत्तर दाखिल किया है. इसमें यूपी, एमपी, गुजरात और दिल्ली में बुल्डोजर चलाकर एक खास तबके के लोगों के घर और संपत्तियां नष्ट की गई हैं. मामले में बुधवार को सुप्रीमकोर्ट सुनवाई कर सकता है.
अपने जवाबी हलफनामे में जमीअत ने कहा है कि सरकार अवैध निर्माण और अतिक्रमण कर किए गए निर्माण और म्युनिसिपल लॉ की आड़ लेकर बुल्डोजर चला रही है. जबकि सच्चाई ये है कि ये सारी प्रक्रिया विरोध प्रदर्शन के बाद ही अपनाई गई है. सरकार की नोटिस देने की दुहाई भी गलत है, क्योंकि कम से कम दो मामले तो सामने आए हैं जिनमें बिना नोटिस के ये बदले की भावना करते हुए लोगों के घर ढहाने की कार्रवाई की गई है. जमीअत ने कहा है कि बिना तय कानूनी प्रक्रिया का पालन किए हुए प्रशासन ने सरकार के इशारे पर मनाने ढंग से तोड़फोड़ की कार्रवाई की है.
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जमीअत ने ये भी दलील दी है कि यूपी के मुख्यमंत्री अपने बयानों में भी सरकार की मंशा जता चुके हैं. उन्होंने साफ कहा है कि विरोध के नाम पर पत्थर चलाकर हिंसा फैलाने वालों को सबक सिखाया जा रहा है. हलफनामे में कहा गया है कि सहारनपुर में मोहम्मद रहीस ने अपना घर किसी हशमत अली को किराए पर दिया था. हशमत के 17 साल के बेटे का नाम हिंसा करने वालों में लिखकर रहीस का घर ढहा दिया गया. घर के मालिक रहीस को कोई नोटिस नहीं दिया गया. इसी तरह अब्दुल वकीर को भी बिना नोटिस दिए उसका घर जमींदोज कर दिया. सरकार ने अपने हलफनामे में ये नहीं बताया की पिछले दो-तीन महीनों में ऐसे कितने अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाए हैं.
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जमीयत उलेमा ए हिंद ने उत्तर प्रदेश सरकार की वो दलील भी खारिज कर दी जिसमे प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि नियमों के मुताबिक ही अतिक्रमण हटाया जा रहा है. इसके सबूत के तौर पर जमीयत ने अपने हलफनामे में सहारनपुर में प्रदेश सरकार की बुलडोजर कार्रवाई के फोटोग्राफ और वीडियो भी अदालत में जमा किए हैं. जमीयत ने अपने हलफनामे में कहा है कि राज्य सरकारें अतिक्रमण हटाने के नाम पर समुदाय विशेष को निशाना बना रही हैं.
इतना ही नहीं जमीयत ने अपने हलफनामे में यह भी कहा है कि सरकार की बुलडोजर की कार्रवाई उन जगहों पर भी हो रही है जहां दंगे नहीं हुए हैं. सरकार यह कार्रवाई दंगे के आरोपियों को सबक सिखाने के लिए कर रही है. जमीयत ने अपने हलफनामे मे राज्य में बड़े नेता और अधिकारी के बयान भी कोर्ट में हलाफ़नमे के तौर पर दिए. जिसमें कहा जा रहा है कि दंगा करने वालों के घर बुल्डोजर से तोड़े जा रहे हैं.
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