प्रयागराज में बाढ़: छतों पर गुजर रही जिंदगी, गलियों में चल रही नाव, ऐसे बदल गई है जिंदगी
सड़कों पर चलती नाव, बाल्टी लटकाकर खाने का सामान लेते पीड़ित, डूबी गाड़ियां, जलमग्न गलियां. ये नजारा है प्रयागराज का. यहां गंगा और यमुना में…
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सड़कों पर चलती नाव, बाल्टी लटकाकर खाने का सामान लेते पीड़ित, डूबी गाड़ियां, जलमग्न गलियां.
ये नजारा है प्रयागराज का. यहां गंगा और यमुना में आई बाढ़ ने लोगों का जीवन बदल दिया है.
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जिन सड़कों पर गाड़ियां फर्राटा भरती थी वहां नाव चल रही है.
जिस चौक पर गर्मा-गरम समोसे, पकौड़े और चाय के साथ लोगों की शाम गुजरती थी वहां हालात कुछ और है.
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वहां नाव में राहत सामग्री लिए समाजसेवी संगठन जरूरतमंदों की तरफ देखते नजर आ रहे हैं.
घरों की पहली मंजिल आधे से अधिक पानी में समा चुकी है. दूसरी मंजिल के घरों में लोग जैसे-जैसे रह रहे हैं.
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जिनका घर एक मंजिल का है वो छत पर रहने को मजबूर हैं.
काफी लोगों को राहत शिविर में पहुंचाया जा चुका है.
सुबह होते ही भूख से बिलबिला रहे मसूम छतों से मदद का इंतजार करने लगते हैं.
जैसे ही मदद आती है तो रस्सी में बंधी बाल्टी लटका दी जाती है.
समाजसेवी संगठन उसमें बिस्किट और खाने के दूसरे सामान डाल देते हैं.
इस इलाके की बिजली भी काट दी गई है ताकि पानी में बिजली के पोल गिरने से कोई बड़ी अनहोनी न हो.
किसी को कही जाने की मजबूरी होती है तो नाव नीचे बुलाई आती है. फिर सीढ़ियों से नाव में उतरना पड़ता है.
खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंगा और यमुना का जलस्थर भले ही स्थिर हो गया हो पर मुश्किलें जस की तस हैं.
बाढ़ के चलते दर्जनों गांव और कछारी मोहल्लों में हालत बदतर है.
ये नजारा प्रयागराज के करैली के गौस नगर गड्ढा कालोनी की है.
प्रयागराज में सलोरी, छोटा बघाड़ा, राजापुर, नेवादा, गंगानगर, अशोक नगर के साथ ही करेली थाना क्षेत्र के गौस नगर, जेके आशियाना कॉलोनी में भी बाढ़ तबाही मचा रही है.
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