पूर्व PM चौधरी चरण सिंह की जयंती पर CM योगी ने दी श्रद्धांजलि, बोले- वह आजीवन संघर्षरत रहे
UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने किसानों…
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UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने किसानों के कल्याण के लिए पूर्व प्रधानमंत्री के संघर्ष को भी याद किया. योगी ने शुक्रवार सुबह लखनऊ में विधानसभा के मुख्य द्वार पर स्थापित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह समेत कई प्रमुख हस्तियों ने भी पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की.
सीएम ने ट्वीट कर कहा,
“महान किसान नेता, शुचिता व सादगी की प्रतिमूर्ति, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि. शोषितों, वंचितों, उपेक्षितों और अन्नदाता किसान बंधुओं के कल्याण के लिए चौधरी चरण सिंह आजीवन संघर्षरत रहे.”
योगी आदित्यनाथ
चौधरी चरण सिंह का जीवन परिचय
चौधरी चरण सिंह का जन्म 1902 में उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर में एक मध्यम वर्गीय किसान परिवार में हुआ था. उन्होंने 1923 में विज्ञान से स्नातक की एवं 1925 में आगरा विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की. कानून में प्रशिक्षित श्री सिंह ने गाजियाबाद से अपने पेशे की शुरुआत की. वे 1929 में मेरठ आ गये और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए.
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चौधरी चरण सिंह को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री, देश का गृह मंत्री, वित्त मंत्री, उप प्रधानमंत्री और प्रधानमंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ था. चौधरी चरण सिंह का 23 मई 1987 को निधन हो गया था. उनकी जयंती 23 दिसंबर को ‘किसान दिवस’ के रूप में मनाया जाता है.
उत्तर प्रदेश में भूमि सुधार का पूरा श्रेय उन्हें जाता है. ग्रामीण देनदारों को राहत प्रदान करने वाला विभागीय ऋणमुक्ति विधेयक, 1939 को तैयार करने एवं इसे अंतिम रूप देने में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका थी. उनके द्वारा की गई पहल का ही परिणाम था कि उत्तर प्रदेश में मंत्रियों के वेतन एवं उन्हें मिलने वाले अन्य लाभों को काफी कम कर दिया गया था. मुख्यमंत्री के रूप में जोत अधिनियम, 1960 को लाने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी. यह अधिनियम जमीन रखने की अधिकतम सीमा को कम करने के उद्देश्य से लाया गया था ताकि राज्य भर में इसे एक समान बनाया जा सके.
चौधरी चरण सिंह ने अत्यंत साधारण जीवन व्यतीत किया और अपने खाली समय में वे पढ़ने और लिखने का काम करते थे. उन्होंने कई किताबें एवं रूचार-पुस्तिकाएं लिखी जिसमें ‘जमींदारी उन्मूलन’, ‘भारत की गरीबी और उसका समाधान’, ‘किसानों की भूसंपत्ति या किसानों के लिए भूमि, ‘प्रिवेंशन ऑफ़ डिवीनन ऑफ होल्डिंग्स बिलो ए सर्टेन मिनिमम’, ‘को-ऑपरेटिव फार्मिंग एक्स-रयेद्’ आदि प्रमुख हैं.
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