CISF ने तैयार किया राम मंदिर परिसर का सुरक्षा प्लान, इन 8 बातों का रखा जाएगा खास ध्यान
यूपी सरकार को सीआईएसएफ ने अपनी टॉकविंग की कंसल्टेंसी के जरिए अहम सुझाव दिए हैं, जिसके बाद राम मंदिर की सुरक्षा योजना तैयार हुई है.
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राम मंदिर में राम लला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी, 2024 को आयोजित किया जाएगा. 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा देशभर से हजारों साधु-संतों को आमंत्रित किया गया है.
प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों के बीच राम मंदिर परिसर के सुरक्षा का प्लान सामने आया है. सीआईएसएफ को राम मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है. यूपी सरकार को सीआईएसएफ ने अपनी टॉकविंग की कंसल्टेंसी के जरिए अहम सुझाव दिए हैं, जिसके बाद राम मंदिर की सुरक्षा योजना तैयार हुई है.
सीआईएसएफ को सुरक्षा प्लान के लिए सुझाव देने के लिए इसलिए चुना गया क्योंकि इससे पहले सीआईएसएफ ने तिरुपति मंदिर, शिरडी साईं बाबा मंदिर, गोरखनाथ मंदिर, महाकालेश्वर मंदिर, काशी विश्वनाथ मंदिर और महाबोधि मंदिर की सुरक्षा के लिए भी अपनी इस खास सेवा को दिया है.
ग्रीन एरिया में बने राम मंदिर परिसर की हर बारीकियों को ध्यान में रखा गया है. खासतौर पर भीड़ और थ्रेट परसेप्शन का आंकलन कर सीआईएसएफ ने ये सुझाव दिए हैं-
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- थ्रेट परसेप्शन और रिस्क एनलेसिस
- एक्सेस कंट्रोल
- कितने लोगों की सुरक्षा में जरूरत है
- फायर सेफ्टी, डाक्यूमेंट सेफ्टी
- आतंरिक खुफिया जानकारी
- आपातकालीन सुरक्षा प्लैन
- क्राउड कंट्रोल मैनेजमेंट प्रोसीजर
- स्टाफ फायर सेफ्टी ट्रेनिंग
सीआईएसएफ ने जो थ्रेट परसेप्शन राम मंदिर सुरक्षा के मद्देनजर तैयार किया, उसमें स्थानीय पुलिस की मदद ली गई है. साथ ही खुफिया एजेंसी से भी जानकारी ली और अलग-अलग एजेंसियों से मंदिर की सुरक्षा से जुड़ा इनपुट लिया. मंदिर के लिए क्राइसिस मैनेजमेंट किस तरीके का होना चाहिए, उसके लिए भी एक पूरा खाकर तैयार किया गया है और इसी के मुताबिक सुरक्षा के लिए सुझाव दिया गया है.
राम मंदिर की सुरक्षा के लिए खास सुरक्षा ग्रिल के भी सुझाव दिए गए हैं जिनको सिर्फ और सिर्फ मंदिर की सुरक्षा के लिए ही बनाया जाना चाहिए. मंदिर नक्शे के मुताबिक ही वहां मौजूद सुरक्षा बलों की तैनाती का सुझाव दिया गया है और उन पर निगरानी रखने के लिए भी एक खास टीम बनाने की संस्तुति दी गई है.
सीआईएसएफ ने इस बात का खास ध्यान रखा है कि परिसर की सुरक्षा अपने उच्चतम स्तर पर हो. इसके अलावा फायर सेफ्टी अटेंडेंस एडमिनिस्ट्रेशन जैसे पहलू भी पूरी तरीके से दुरुस्त हों.
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सीआईएसफ ने अपने सुझावों में मंदिर परिसर में तैनात होने वाले सुरक्षा बलों को समय-समय पर बदली भी. परिस्थितियों के मुताबिक, ट्रेनिंग देने के पहलू को भी शामिल किया गया है.
पिछली चार साल यानी 2019 से 2023 तक सीआईएसफ देशभर की 36 संस्थाओं को सुरक्षा प्लान संबंधित सुझाव यानी अपनी कंसल्टेंसी दे चुका है. यही नहीं, पिछले 23 सालों में सीआईएसएफ 226 संस्थाओं को सुरक्षा प्लान का सुझाव दे चुका है.
(जितेंद्र बहादुर की रिपोर्ट)
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