आगरा दौरे पर फूस बंगले में रुकी थीं ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ, लार्ड डलहौजी ने बनवाया था

अरविंद शर्मा

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ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ (Elizabeth) 96 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गईं. उनकी तमाम यादों में से कुछ यादें आगरा से भी जुड़ी हैं. इन यादों में आगरा का एक फूस बंगला भी है. ये वही बंगला है जिसका जीर्णोद्धार लार्ड डलहौजी ने खासतौर पर महारानी एजिजबेथ के लिए करवाया था.

फूस से बना ये बंगला गर्मी की तपिश में ठंडक का सुकून देता था. इतिहास के पन्नों में समाए आगरा दौरे में महारानी एलिजाबेथ ने फूस बंगले में कई घंटे गुजारे थे.

इतिहासकार राज किशोर ‘राजे’ ने महारानी एलिजाबेथ से जुड़ी स्मृतियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ आजाद भारत में 3 बार आईं. सबसे पहले वो क्वीन विक्टोरिया और अब्दुल की कहानी जानने के बाद प्रिंस फिलिप के साथ ताजमहल का दीदार करने 30 जनवरी 1961 को आगरा गई थीं.

आगरा के इतिहास में खासी जानकारी रखने वाले राज किशोर शर्मा ‘राजे’ ने बताया की ब्रिटेन के वाशिंदों को भारत बहुत गर्म देश लगता था. रानी एलिजाबेथ जब पहली बार आगरा आई थीं तो वो ताजमहल के पश्चिमी गेट के निकट फूस बंगले में रुकी थीं.

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एयरपोर्ट से यहां तक तमाम लाव लश्कर के साथ उनका काफिला आया था. यहां रुकने के बाद वो खुली कार में पूर्वी गेट से ताजमहल देखने गयी थीं. वापस आकर विश्राम किया, फिर किला देख और दिल्ली कूच कर गयी थीं.

राज किशोर ने बताया की फूस का बंगला ककैया ईंटों से बना है. इसकी दीवार और छत एक मंजिल से काफी ज्यादा ऊंची हैं. साथ ही पुरानी धन्नीयों (लकड़ी की बोल व चौकोर बल्लियों) के छत के गार्डर बने हैं. छत को पत्थर की जगह फूस लगाकर ढका गया है. फूंस बंगले की छत पर मजदूर मश्कों में पानी भरकर पहुंचते थे. पानी डालकर फूस को गीला कर देते थे. फूस गीला होने के बाद अंदर के तापमान को ठंडा कर देता था. जितनी अधिक गर्मी और लू चलती थी. यह बंगला अंदर से उतना ज्यादा ठंडा रहता है.

फूस बंगले का निर्माण साल 1854 में लगभग लार्ड डलहौजी ने करवाया था. कलकत्ता से आगरा रेल लाइन शुरू करने के प्रोजेक्ट पर काम के दौरान वो यहां रुकता था. राजे के अनुसार आजादी के बाद उद्यान विभाग को इस बंगले की जिम्मेदारी मिली. 1980 तक यहां पर जिला उद्यान अधिकारी का निवास होता था.

इसके बाद जीर्ण हालात के चलते यहां कोई रहने नहीं आता था. 2016 में उद्यान विभाग ने इसका जीर्णोंद्धार करवाया. आगरा में इसके अलावा एक फूस का बंगला एमजी रोड पर आगरा कालेज के बीएन हॉस्पिटल के पास था, जो अब अस्तित्व में नहीं है.

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