बांदा: नदियों ने दिखाया अपना रौद्र रूप, केन घटी, मगर यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही
उत्तर प्रदेश के बांदा में नदियों (Banda Rivers) ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. एक ओर जहां केन नदी खतरे के निशान…
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उत्तर प्रदेश के बांदा में नदियों (Banda Rivers) ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. एक ओर जहां केन नदी खतरे के निशान को पार करने के बाद तबाही मचाने को आतुर थी, तो दूसरी ओर यमुना भी अब खतरे के निशान को पार कर गई है.
हालांकि, केन का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है. केन नदी अब 102 मीटर पर बह रही है और खतरे का निशान 104 है. लेकिन यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. यमुना खतरे (Yamuna river) के निशान से करीब डेढ़ मीटर ऊपर बह रही है, जबकि खतरे का निशान 100 मीटर है.
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि नदी किनारे इलाकों में पानी भर गया है, जिससे अब लोग ऊपर की ओर आ रहे हैं. साथ ही खेतों में पानी भर गए हैं, जिससे किसानों की फसलें डूब गई हैं. जलस्तर बढ़ने से संपर्क मार्ग टूट गया है. लोग नाव के सहारे आवागमन कर रहे हैं.
प्रशासन का दावा है कि बाढ़ चौकियां और लोकल पुलिस प्रशासन के अधिकारी अलर्ट हैं, अभी हालात कंट्रोल में हैं. अगर जलस्तर बढ़ता है और शिफ्टिंग की जरूरत पड़ती है तो उसकी व्यवस्था भी की गई है.
वहीं ग्रामीण लगातार जलस्तर स्तर बढ़ने से भयभीत हैं. उन्हें बाढ़ का खतरा और डर सता रहा है.
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बांदा के डीएम अनुराग पटेल ने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए जिला प्रशासन तैयार है. सबसे ज्यादा पैलानी तहसील ही बाढ़ से प्रभावित होती है. अभी स्थिति आज गुरुवार तक ठीक है. गांव में पानी तो भर गया, लेकिन शिफ्टिंग की तैयारी की स्थिति नहीं है.
उन्होंने आगे बताया कि हमारे लोकल प्रशासनिक अधिकारी लगातार पेट्रोलिंग कर रहे हैं. अगर शिफ्टिंग की जरूरत पड़ी तो कॉलेज में व्यवस्था की गई है. केन नदी घट रही है, लेकिन यमुना बढ़ रही है. यमुना नदी करीब डेढ़ मीटर खतरे के निशान से ऊपर है.
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