यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले अखिलेश यादव और शिवपाल यादव में जो एकजुटता नजर आई थी, हार के बाद वह दरकती नजर आ रही है. इसकी एक बानगी समाजवादी पार्टी के विधायक दल की बैठक से पहले नजर आई है. आपको बता दें कि शनिवार, 26 मार्च को एसपी विधायक दल की बैठक में शिवपाल यादव को न्योता नहीं दिया गया है.
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इसको लेकर शिवपाल यादव नाराज भी बताए जा रहे हैं. इस बार जसवंतनगर विधानसभा सीट से शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न पर ही चुनाव लड़ा था. अब न्योता नहीं मिलने के बाद कहा जा रहा है कि शिवपाल यादव एसपी विधायक दल की बैठक में नहीं जाएंगे.
न्योता न मिलने पर क्या बोले शिवपाल?
शिवपाल यादव ने यूपी तक से खास बातचीत में कहा कि वह 2 दिन से इंतजार करते रहे और इसीलिए वह लखनऊ में थे, लेकिन उन्हें विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाया गया. उन्होंने कहा कि वह समाजवादी पार्टी से न सिर्फ एमएलए हैं, बल्कि समाजवादी पार्टी के सक्रिय सदस्य हैं और अब राष्ट्रीय नेतृत्व समीक्षा करे, लेकिन उन्हें नहीं बुलाया गया यह एक सच है.
शिवपाल यादव ने बताया कि समर्थकों और जनता से बात करने के बाद वह भविष्य के लिए फैसला करेंगे. वहीं, शिवपाल समाजवादी पार्टी में रहेंगे या बीजेपी के साथ जाएंगे इस पर उन्होंने अभी कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा है, “मैं कुछ नहीं बोलूंगा कि मैं कहां जाऊंगा और क्या करूंगा.”
आपको बता दें कि यूपी चुनाव से ऐन पहले शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने अखिलेश यादव के साथ आने का फैसला किया था. अखिलेश की तमाम चुनावी रैलियों में शिवपाल उनके साथ नजर भी आए. पिछले दिनों होली के मौके पर मुलायम सिंह यादव, रामगोपाल यादव, अखिलेश यादव के साथ शिवपाल यादव भी मौजूद दिखे थे. हालांकि, अब प्रदेश के चुनाव में मिली हार के बाद समाजवादी परिवार की एकजुटता पर संदेह का बादल मंडराने लगे हैं.
इससे पहले खबरें आई थीं कि शिवपाल यादव के खेमे को उम्मीद है कि उन्हें विधानसभा या संगठन में कोई अहम जिम्मेदारी मिल सकती है. पिछले दिनों जब अखिलेश यादव ने आजमगढ़ से लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा देकर करहल सीट से विधायक ही बने रहने का फैसला किया, तो शिवपाल को लेकर मौजूदा संभावनाएं और कमजोर होने की चर्चा शुरू हो गई.
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