Point Blank: नवजात बच्चों के जन्म से पहले ही परिवार में खुशी का माहौल बन जाता है. मगर सोचिए, अगर अस्पताल में अनहोनी से निपटने की व्यवस्था ही न हो, तो खुशियां गम में बदल जाती हैं. आपको याद होगा साल 2024 के नवंबर महीने में भयानक आग की घटना के बाद कई नवजातों की जान चली गई थी. इस हादसे के बाद प्रशासन अलर्ट हुआ और निरीक्षण में कई खामियां सामने आईं. वहीं, लखीमपुर के जिला महिला अस्पताल में भी 19 नवंबर 2024 को हुए ऑडिट में 31 कमियां पाई गईं. अब, दो महीने बाद, सवाल उठता है कि इन खामियों का समाधान हुआ या नहीं? सच्चाई जानने के लिए यूपी Tak की टीम ने ग्राउंड जीरो पर पड़ताल की, और जो हकीकत सामने आई, वह चौंकाने वाली है.
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इन दो महीनों में इस अस्पताल में 2000 से ज्यादा बच्चों का जन्म हुआ. लेकिन सुरक्षा की स्थिति बेहद दयनीय है. खुले तार, फायर सेफ्टी की कमी और लापरवाही साफ नजर आती है. नवंबर में जिन 31 खामियों की रिपोर्ट बनी थी, उनमें से सिर्फ 1 कमी को ही दूर किया गया है. अस्पताल में बस दो फायर सिलेंडर लगाए गए हैं, बाकी समस्याओं के लिए शासन को अवगत करवाने की बात कही गई है. झांसी जैसी घटना अगर लखीमपुर में हुई, तो क्या हालात होंगे? यह सवाल हर किसी को झकझोर देता है. पूरी रिपोर्ट जानने के लिए ऊपर शेयर किए गए वीडियो को देखें.
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