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एक ओर राम के चरित्र पर बनी फ़िल्म अदिपुरुष पर बवाल मचा हुआ है, तो दूसरी ओर राम से लेकर कृष्ण तक के किरदार को घर-घर पहुंचाने वाली गीता प्रेस को लेकर भी विवाद चल रहा है. योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर में मौजूदगीता प्रेस पिछले 100 वर्षो से धार्मिक साहित्य प्रकाशन का सबसे बड़ा केंद्र रहा है.
अब मोदी सरकार ने गांधी पीस प्राइज़ देने का फैसला लिया है. इसको लेकर कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है. इस पर कांग्रेस नेता और राहुल गांधी के करीबी जयराम रमेश ने ट्वीट किया और दावा किया कि अक्षय मुकुल ने इस संगठन पर एक बहुत ही अच्छी जीवनी लिखी है, जिसमें महात्मा गांधी के साथ इसके संबंधों और राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक मोर्चों पर चल रही लड़ाइयों का पता चलता है.
साथ उन्होंने ये भी लिखा कि “यह फैसला असल में सावरकर और गोडसे को पुरस्कार देने जैसा है.” ठीक यहीं बात कांग्रेस नेता पीएल पुनिया भी कही. उन्होंने इसे मोहनदास करम चंद्र गांधी का अपमान बताया.
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