विश्वनाथ मंदिर के महंत ने जिला अदालत में अर्जी देकर ज्ञानवापी में इन अधिकारों की मांग की

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23 May 2022 (अपडेटेड: 14 Feb 2023, 09:01 AM)

ज्ञानवापी मामले की सुनवाई 1991 के वर्शिप एक्ट के तहत अभी जिला अदालत में सुनवाई शुरू भी नहीं हुई, इसी बीच काशी विश्वनाथ मंदिर के…

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ज्ञानवापी मामले की सुनवाई 1991 के वर्शिप एक्ट के तहत अभी जिला अदालत में सुनवाई शुरू भी नहीं हुई, इसी बीच काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत जिला न्यायालय पहुंचे. उनका कहना है कि वे अदालत के सामक्ष एक याचिका लेकर आए हैं.

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महंत डॉ. कुलपति तिवारी जिला जज न्यायालय में ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वजूखाने में मिले शिवलिंग और तहखाने के अंदर मुख्य गुंबद के नीचे शिवलिंग के रूप में विराजमान मुख्य विश्वेश्वर भगवान के पूजा का अधिकार मांगने के लिए याचिका दायर करने पहुंचे.

उनका कहना है कि हम न्यायिक तरीके से अपने भगवान की पूजा का अधिकार लेने आए हैं. मेरी तरफ से स्वयं न्यायालय में याचिका दायर की जा रही है कि हमें वहां मौजूद शिवलिंग के पूजा का अधिकार दिया जाए. ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने के नीचे भूतल में शिवलिंग का दावा कर रहे काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने जिला कोर्ट में अपनी याचिका दाखिल की है.

डॉ. तिवारी ने कहा कि जब बाबा भूतल में विराजमान हैं तो उनके पूजन की अनुमति दी जाए और दीवार गिराकर दरवाजा खोला जाए. तिवारी ने कहा कि उनके पास शिवलिंग होने के प्रमाण हैं जो वे कोर्ट में पेश करेंगे. अगर वहां नमाज अदा हो सकती है बाबा विश्वेश्वर का पूजन क्यों नहीं हो सकता.

ज्ञानवापी केस पर जिला जज करेंगे सुनवाई

इधर ज्ञानवापी मस्जिद मामले में आज यानी सोमवार को वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेस की अदालत में सुनवाई होगी. कोर्ट आज नागरिक प्रक्रिया संहिता सीपीसी के आदेश 7 नियम 11 के तहत वाद की पोषणीयता पर सुनवाई करेगी. ध्यान देने वाली बात है कि सर्वोच्च न्यायालय ने मंदिर पक्ष के मुकदमे की योग्यता पर सवाल उठाने वाली मस्जिद पक्ष की दाखिल याचिका पर प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई करने का जिला जज को आदेश दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने अदालत को 8 सप्ताह में सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया है. जिसकी वजह से अब सबकी निगाहें वाराणसी के जिला जज के कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने बीते 20 मई को केस की जटिलता और संवेदनशीलता के मद्देनजर इसकी सुनवाई सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत से स्थानांतरित करके वाराणसी के जिला जज डॉक्टर अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में स्थानांतरित कर दिया.

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