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100 और 97 मीटर ऊंचे सुपरटेक ट्विन टॉवर 28 अगस्त को ढाई बजे जमींदोज हो जाएंगे.
वर्ष 2004: सेक्टर 93ए में नोएडा प्राधिकरण द्वारा आवंटित 48263 वर्ग मीटर जमीन पर एमराल्ड कोर्ट बनाना प्रस्तावित किया गया.
20 जून, 2005: नोएडा ने सुपरटेक के एमराल्ड कोर्ट के लिए भवन योजना को मंजूरी दी. मूल योजना में 14 टावर थे, प्रत्येक में नौ मंजिल (जी + 9) थे.
21 जून, 2006: 6556.51 वर्ग मीटर की अतिरिक्त भूमि सुपरटेक को लीज पर दी गई. कुल लीज क्षेत्र बढ़कर 54,819.15 वर्ग मीटर हो गया.
29 दिसंबर, 2009: एमराल्ड कोर्ट के लिए पहली संशोधित योजना को मंजूरी दी गई और फ्लोर को 9 से 11 (ग्राउंड फ्लोर+11) कर दिया गया.
दो अतिरिक्त टावर टी -15 और टी -16 के अलावा एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को भी मंजूरी दी गई.
2009: सुपरटेक के एमराल्ड कोर्ट की संशोधित योजना में टी-16 की जगह ट्विन टावर्स को शामिल करने के लिए मिली मंजूरी. तब फ्लोर 11 से बढ़ाकर 24 किए गए.
2012: नोएडा प्राधिकरण ने सुपरटेक के पुन: संशोधित नक्शे को स्वीकार किया, ट्विन टावर्स की ऊंचाई अब 40 मंजिल है.
दिसंबर 2012: एमराल्ड कोर्ट आरडब्ल्यूए इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा.
अप्रैल 2014: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्विन टावर्स को अवैध माना और विध्वंस के आदेश दिए, बावजूद इसका निर्माण जारी रहा.
7 फरवरी, 2022: सुप्रीम कोर्ट ने विध्वंस के आदेश दिए. इसमें शामिल अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर भी की गई.
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