हाल ही में भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का सटीक जवाब देते हुए पाकिस्तान में एक सफल एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया, जिसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया. यह कार्रवाई मंगलवार रात को की गई, जो रणनीतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण रही.
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रात में हमला करने का फैसला केवल सैन्य क्षमता का प्रदर्शन नहीं था, बल्कि यह कई रणनीतिक, तकनीकी और कूटनीतिक पहलुओं को ध्यान में रखकर लिया गया निर्णय था. आइए समझते हैं कि क्यों रात के अंधेरे में किया गया यह ऑपरेशन अधिक प्रभावशाली साबित होता है.
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कम खतरा, अधिक सुरक्षा: रात के समय हमला करने पर पायलटों और सैनिकों की जान को कम खतरा होता है, क्योंकि दुश्मन के पास तुरंत जवाब देने का मौका नहीं होता.
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रडार से बचाव: अंधेरे में विमान, ड्रोन और मिसाइलों का पता लगाना दुश्मन के रडार और निगरानी तंत्र के लिए कठिन होता है, जिससे ऑपरेशन की गोपनीयता बनी रहती है.
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अप्रत्याशित हमला: रात में हमला आमतौर पर दुश्मन की उम्मीद से बाहर होता है, जिससे वे सतर्क नहीं रहते और ऑपरेशन की सफलता की संभावना बढ़ जाती है.
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कम अंतरराष्ट्रीय दबाव: अगर हमला सटीक हो और नागरिकों को नुकसान न पहुँचे, तो अंतरराष्ट्रीय आलोचना और कूटनीतिक दबाव की संभावना भी कम हो जाती है.
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जवाबी कार्रवाई में देरी: अंधेरे में दुश्मन के लिए तुरंत जवाबी कार्रवाई करना चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि बिना तैयारी के ऑपरेशन चलाना मुश्किल होता है.
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उन्नत तकनीकों का फायदा: आधुनिक फाइटर जेट्स रात में नाईट विज़न, जीपीएस-गाइडेड मिसाइलें और थर्मल इमेजिंग जैसी उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं, जिससे ऑपरेशन अधिक सटीक और प्रभावशाली हो जाता है.
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