कुर्की और जब्ती यह दो शब्द आपने कभी खबरों में या कभी आम जिदंगी में सुने तो जरूर होंगे. लेकिन क्या आप इनका मतलब जानते हैं ?
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कुर्की और जब्ती का सीधा सा मतलब है किसी की संपत्ति या सामान को सरकारी कब्जे में ले लेना या जब्त कर लेना.
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कुर्की और जब्ती को वारंट ऑफ अटैचमेंट (Warrant of Attachment) भी कहते हैं. कुर्की की कार्रवाई में चल और अचल दोनों तरह की संपत्तियां आती हैं.
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सीआरपीसी यानी कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर की धारा 82 से 86 तक कुर्की का प्रावधान दिया गया है.
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कुर्की और जब्ती दो अलग-अलग चीजें हैं. कुर्की, न्यायालय के आदेश पर होती है. जबकि जब्ती पुलिस खुद कर सकती है.
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अगर कोई आरोपी चरस, गांजा, ड्रग्स या किसी और प्रतिबंधित चीज के साथ पकड़ा गया तो पुलिस उस सामान को सीज कर लेती है और जरूरत पड़ने पर सबूत के तौर पर कोर्ट में पेश करती है. इसे जब्ती कहते हैं.
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वहीं, अगर किसी व्यक्ति का सरकार के उपर या किसी व्यक्ति के उपर पैसा बकाया हो और न्यायालय के बार-बार कहने पर भी वह बकाया चुका न रहा है तो उस केस में कुर्की होती है.
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इस प्रक्रिया में न्यायालय खुद आरोपी का घर, घर का सामान, गाड़ी या दूसरी चीजें अपने कब्जे में ले लेता है.
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