6 may 2024
बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उसके चालीसवें की तैयारी की जा रही है.
Credit:यूपी तक
बता दें कि कल यानी मंगलवार के दिन मुख्तार के चालीसवें की रस्म निभाई जाएगी.
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ऐसे में आइए जानते हैं कि इस्लाम धर्म में मृत्यु के 40वें दिन क्या होता है?
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मुस्लिमों में किसी व्यक्ति की मृत्यु के 40 दिन बाद "चालीसवां" नामक एक रस्म मनाई जाती है.
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मृतक के चालीसवें में आत्मा की शांति के लिए 40 दिनों तक कुरान का पाठ किया जाता है.
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इसके साथ ही मृतक के लिए विशेष नमाज़ पढ़ी जाती है और उसके नाम पर गरीबों और जरूरतमंदों दान दिया जाता है.
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40वें में परिवार और दोस्त मृतक को याद करने और उनके बारे में बात करने के लिए इकट्ठा होते हैं.
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बता दें कि 40वें का रिवाज सभी मुसलिम समुदायों में समान रूप से नहीं मनाया जाता है.
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कुछ समुदायों में, यह रस्म 40 दिनों के बाद मनाई जाती है, जबकि अन्य में इसे 3 दिन, 7 दिन या 10 दिन बाद मनाया जाता है.
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