2 Aug 2025
उत्तर प्रदेश में कुछ ऐसी खास और रहस्यमयी जगह हैं, जिनके पीछे दिलचस्प कहानियां छिपी हैं. इन जगहों को देखने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी लोग आते हैं, चलिए जानते हैं इन अनोखी जगहों के बारे में.
मणिकर्णिका घाट वाराणसी में गंगा नदी के तट पर ठहरा हुआ एक प्रसिद्ध घाट है. इस घाट की विशेषता ये है कि यहां लगातार अंतिम संस्कार होते रहते हैं और साथ ही घाट पर चिता की अग्नि लगातार जलती रहती है. वह कभी भुजती नहीं है.
मिर्जापुर जिलें में चुनार का किला गंगा नदी के किनारे पर स्थित है. इस किले के अंदर 52 खंबों की छतरी और सूर्य घड़ी बनाई गई है. इस किले को चंद्रकांता चुनारगढ़ और चरणाद्री के नाम से भी जाना जाता है..
राजदरी-देवदरी वाराणसी के पास चंदौली जिले का मनमोहक झरना है. यह एक लोकप्रिये घूमने का स्थल है, जब विशाल चटानों से पानी गिरता है वह आंखों को प्रसन करने वाला दृश्य होता है.
उत्तर प्रदेश के आगरा से 70 किलोमीटर दूर यमुना के तट पर बटेश्वर धाम का मंदिर है. माना जाता है कि भगवान शिव ने यहां वटवृक्ष के नीचे तपस्या की थी, इसलिए इस स्थान को ‘बटेश्वर’ कहा गया और यह भी कहा जाता है. भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय का जन्म भी यहीं हुआ था.
झांसी में बरुआसागर एक सुंदर किला है. यह बुंदेला के राजा उदित सिंह द्वारा 1705 से 1707 के बीच बनाया गया था. किले के अंदर एक महल और कई मंदिर भी बनाए गए थे. इसके साथ ही उन्होंने इसके बगल में एक बड़ा तालाब भी बनवाया था. .
सारनाथ, वाराणसी जिले में एक महत्वपूर्ण स्थल के रूप में माना जाता है. यहां गौतम बुद्ध ने विमुखता प्राप्त करने के बाद अपना पहला उपदेश दिया था जो बोद्ध धर्म की शुरुआत दर्शाता है. .
मिर्जापुर का विंध्यवासिनी मंदिर में कई लोगों की आस्था है. यह मंदिर हजारों साल पुराना है. माना जाता है कि यह स्थान मां दुर्गा की अवतार मां विंध्यवासिनी का निवास सथान है, जिनकी पूजा माहिषासुर मर्दिनी के रूप में की जाती है. .
ऊपर दिए गए कंटेन्ट की जानकारी सामान्य तौर पर बताई गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि यूपी Tak नहीं करता है. .