शिक्षा केवल किताबें पढ़ने या परीक्षा पास करने तक सीमित नहीं होती, बल्कि यह इंसान को सोचने, समझने और समाज में बदलाव लाने की शक्ति देती है. एक शिक्षित व्यक्ति न केवल खुद की ज़िंदगी संवार सकता है, बल्कि अपने परिवार और समाज को भी एक बेहतर दिशा दे सकता है.
दुनिया भर में आज भी करोड़ों लोग ऐसे हैं जो शिक्षा से वंचित हैं. भारत जैसे विकासशील देश में भी कई जिले ऐसे हैं जहां शिक्षा की पहुंच सीमित है और लोग अभी भी साक्षरता की बुनियादी जरूरतों को पूरा नहीं कर पाए हैं.
भारत के कई हिस्सों में आज भी लड़कियों को स्कूल जाने से रोका जाता है. घरेलू ज़िम्मेदारियां, कम उम्र में शादी और पारंपरिक सोच के कारण वे पढ़ाई से दूर रह जाती हैं. इन सामाजिक बाधाओं के चलते लड़कियों की शिक्षा अब भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है.
आज हम ऐसे ही एक राज्य के बारे में बात करेंगे. जानेंगे कि यूपी में ऐसा कौन सा जिला है जहां के लोग सबसे ज्यादा पढ़े लिखे हैं.
उत्तर प्रदेश में गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) को सबसे ज्यादा पढ़ा-लिखा जिला माना जाता है. यहां की साक्षरता दर करीब 80.12% है, जो राज्य की सबसे ऊंची दर है. यह जिला शिक्षा के क्षेत्र में पूरे उत्तर प्रदेश के लिए एक उदाहरण बन चुका है.
गाजियाबाद भी शिक्षा के मामले में उत्तर प्रदेश के प्रमुख जिलों में से एक है. विभिन्न स्रोतों के अनुसार, यहां की साक्षरता दर 78% से 85% के बीच मानी जाती है. बेहतर स्कूल, शहरी सुविधाएं और जागरूकता ने इसे पढ़ाई के लिहाज से एक मजबूत जिला बनाया है.
कानपुर नगर भी प्रदेश के पढ़े-लिखे जिलों में शामिल है. यहां की साक्षरता दर लगभग 79% से 81% के बीच है. यह शहर लंबे समय से औद्योगिक और शैक्षणिक केंद्र रहा है, जिससे यहां के नागरिकों में शिक्षा के प्रति जागरूकता बनी रही है.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ भी शिक्षा के क्षेत्र में पीछे नहीं है. यहां की साक्षरता दर करीब 77% से 79% के बीच मानी जाती है. सरकारी और निजी दोनों स्तरों पर बेहतर स्कूल और कॉलेज यहां की शिक्षा व्यवस्था को मज़बूत बनाते हैं.