भारत में शाकाहार और मांसाहार को लेकर अक्सर बहस देखने को मिलती है. सवाल उठते हैं कि पूजा करने वालों को मांसाहार करना चाहिए या नहीं?
Credit: भजन मार्ग ऑफिशियल इंस्टा पेज
बहुत लोग ऐसे हैं जो पूजा-पाठ तो करते हैं साथ ही साथ मांस और मदिरा का भी सेवन करते हैं. ऐसे लोगों के लिए प्रेमानंद महाराज की सलाह सामने आई है.
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आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक प्रेमानंद महाराज का कहना है कि मांस-मदिरा का सेवन करते हैं तो ईश्वर की भक्ति का महत्व नहीं रह जाता है.
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प्रेमानंद ने यह बात झूठ बोलने या छल-कपट करने वालों के संबंध में भी कही है कि ऐसे लोगों के पूजा-पाठ का क्या ही महत्व.
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बात तो ऐसी है कि ईश्वर की पूजा तो असुर और राक्षसों ने भी की, लेकिन उनकी प्रवृत्ति तो सृष्टि का नुकसान करना ही रही.
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सच्चे मन से पूजा-पाठ करने वालों को मांस-मदिरा खाने का मन ही नहीं होगा. छल-कपट या झूठ बोलने का भाव भी नहीं आएगा.
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यह सोचकर कि पूजा-पाठ करने से तो सारे पाप कट ही जाएंगे, आप कुछ भी नहीं कर सकते. ऐसे लोगों के लिए यह सोच एक भ्रम है.
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प्रेमानंद महाराज का साफ मत है कि मांसाहार-मदिरा का सेवन करने वालों, छल-कपट, झूठ बोलने वालों का साथ ईश्वर नहीं देंगे.
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