उत्तर प्रदेश का आगरा जिला ना केवल ताजमहल बल्कि अपने पेठे के लिए भी दुनिया भर में मशहूर है.
ऐसा बताया जाता है कि ताजमहल और पेठे का इतिहास एक दूसरे से ही जुड़ा है.अगर आप नहीं जानते तो आइए जानते हैं कैसे?
माना जाता है कि ताजमहल के निर्माण के दौरान बादशाह ने अपने रसोइयों से एक ऐसी मिठाई बनाने के लिए कहा जो देखने में ताजमहल जैसे ही सफेद और साफ दिखती हो.
राजा के आदेश पर रसोइयों ने पेठा बनाया, जो देखने में सफेद और साफ दिखता है. माना जाता है कि ये पेठा बादशाह के आदेश पर ताजमहल का निर्माण कर रहे मजदूरों को भी दिया गया. कहा जाता है कि इसे खाते ही मजदूरों को एनर्जी मिली.
माना जाता है कि मुगल रसोइये सफेद कद्दू को कई हिस्सों में काटते थे. इसके बाद उन हिस्सों को पानी में उबालते थे. फिर उसमें चीनी मिलाते थे. ये मिठाई खाने में काफी स्वादिष्ट और मीठी होती थी. इसके बाद इसे बादशाह और ताजमहल का निर्माण कर रहे मजदूरों को परोसा जाता था.
बता दें कि आगरा में कई प्रकार के पेठे बनाए जाते हैं. हर पेठे का अपना अलग स्वाद है और हर पेठा दिखने में भी अलग होता है. समय के साथ-साथ कारीगरों ने भी पेठों की कई किस्में इजाद कर दी.
ऐसे में अगर आप ताजमहल घूमने का प्लान बना रहे हैं या फिर कभी वहां जाना हुआ तो पेठा जरुर ट्राई करना चाहिए.