नवरात्रि का पहला दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप देवी शैलपुत्री की आराधना के लिए समर्पित होता है.
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इस दिन सही पूजा विधि अपनाने से सुख-समृद्धि, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
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नवरात्रि के पहले दिन पूजा करने के लिए सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें. मां दुर्गा की पूजा करने का संकल्प लें और व्रत का नियम निर्धारित करें. घर के मंदिर या पूजा स्थान की सफाई करें और पवित्र गंगाजल छिड़कें.
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एक तांबे या मिट्टी के कलश में जल भरें और उसमें मौली (कलावा), साबुत सुपारी, सिक्का और आम के पत्ते डालें. कलश के ऊपर नारियल रखें और इसे लाल कपड़े से लपेटकर मंदिर में स्थापित करें. कलश के पास जौ (जवारे) बोएं, जो नवरात्रि के नौ दिनों तक उगते हैं.
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मां शैलपुत्री की मूर्ति या फोटो को एक साफ स्थान पर स्थापित करें. माता को लाल या सफेद फूल, अक्षत (चावल), कुमकुम और हल्दी अर्पित करें. उन्हें दूध, दही, घी और मिश्री का भोग लगाएं, क्योंकि मां शैलपुत्री को ये अति प्रिय हैं.
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इस दिन ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः मंत्र का जाप करें. दुर्गा चालीसा, सप्तशती पाठ या अर्गला स्तोत्र का पाठ करना शुभ होता है. मां दुर्गा को घी का दीपक जलाकर आरती करें.
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अगर आप नवरात्रि का व्रत रख रहे हैं, तो फलाहार (फ्रूट्स, दूध, साबूदाना, सिंघाड़ा आटा) ग्रहण करें. सेंधा नमक का प्रयोग करें और सात्विक भोजन खाएं. प्याज-लहसुन और तामसिक चीजों से परहेज करें.
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