वृंदावन के लोकप्रिय संत प्रेमानंद महाराज का स्वास्थ्य खराब होने के कारण उनकी नियमित पदयात्रा पिछले चार दिनों से स्थगित है. अब यह यात्रा अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी गई है, जिसकी पुष्टि केली कुंज आश्रम द्वारा की गई है.
हर दिन हजारों श्रद्धालु महाराज जी के दर्शन के लिए लाइन में खड़े रहते थे. ऐसे में उनके अचानक पदयात्रा पर ना निकलने से भक्तों में मायूसी और चिंता का माहौल है.
अपने हालिया सत्संग में प्रेमानंद महाराज ने स्वास्थ्य ठीक न होने की बात साझा की. उन्होंने कहा कि वह केवल राधारानी की कृपा से ही चल रहे हैं.
प्रेमानंद महाराज की दोनों किडनियां 2006 से खराब हैं और उनका नियमित डायलिसिस होता है. वे श्रीकृष्ण शरणम सोसाइटी में रहते हैं, जहां उनके दो फ्लैट हैं और यहीं हफ्ते में चार से पांच बार डायलिसिस कराया जाता है.
महाराज जी हर रात करीब 2 बजे श्रीकृष्ण शरणम सोसाइटी से केली कुंज आश्रम तक पदयात्रा करते थे. यह यात्रा श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक अनुभव का केंद्र रही है.
हाल ही में महाराज जी ने रमणरेती आश्रम के पीठाधीश्वर गुरु शरणानंद जी महाराज से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान दोनों संत भावुक हो गए और एक-दूसरे से गले मिले.
वीडियो में महाराज जी कहते नजर आए कि, “दोनों किडनियां खराब हैं, फिर भी जीवित हूं, ये सब श्रीजी की कृपा है. जब तक वो चाहेंगी, जीवित रखेंगी, वरना सही किडनी भी काम करना बंद कर देगी.”
गुरु शरणानंद जी महाराज मथुरा के रमणरेती आश्रम के पीठाधीश्वर हैं. उन्हें बचपन से ही अध्यात्म और भक्ति में रुचि थी. युवावस्था में सन्यास लेकर उन्होंने जीवन को श्रीकृष्ण की भक्ति और समाज सेवा के लिए समर्पित कर दिया. उन्हें वैष्णव संप्रदाय में 'काष्णी पीठाधीश्वर' की उपाधि प्राप्त है.