उत्तर प्रदेश सरकार युवाओं को देश के साथ-साथ विदेशों में भी नौकरी दिलाने की तैयारी कर रही है. ‘यूपी रोजगार मिशन’ के तहत इस साल 25,000 युवाओं को विदेशों में रोजगार मिलने का लक्ष्य है.
विदेश में नौकरी के इच्छुक युवाओं को भाषा, तकनीकी ट्रेनिंग, ओरिएंटेशन प्रोग्राम, वेबिनार और रोजगार मेलों में हिस्सा लेने का मौका दिया जाएगा ताकि वे विदेश की कार्यसंस्कृति और नियमों को समझ सकें.
विदेश जाने वाले युवाओं के लिए स्थानीय संरक्षक (लोकल गार्जियन) की व्यवस्था की जाएगी और 24 घंटे कॉल सेंटर सेवा उपलब्ध कराई जाएगी. साथ ही, भारतीय दूतावास के जरिए निरंतर संपर्क भी रखा जाएगा.
रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए FICCI, ASSOCHAM, CII जैसे प्रमुख उद्योग संगठनों के साथ बातचीत की जाएगी और भविष्य के रोजगार के लिए रणनीतियां बनाई जाएंगी.
बेहतर नौकरी अवसर तलाशने के लिए विदेशों की कंपनियों से सीधे संपर्क करने के लिए रोड शो, प्रतिनिधिमंडल यात्राएं और इंडस्ट्री मीटिंग्स आयोजित की जाएंगी.
पिछले साल रोजगार मिशन के तहत 5,978 निर्माण श्रमिकों को इजरायल भेजा गया था, जिन्होंने लगभग 1,400 करोड़ रुपये की कमाई करके भारत भेजी.
इस साल 25,000 युवाओं को विदेशों में रोजगार, 3 लाख युवाओं को देश में नौकरी और 4 लाख युवाओं को करियर काउंसलिंग का अवसर दिया जाएगा.
निदेशक सेवायोजन नेहा प्रकाश ने कार्ययोजना प्रस्तुत की और प्रमुख सचिव आलोक कुमार, डॉ. हरिओम, रविन्द्र कुमार ने इसे और बेहतर बनाने के लिए सुझाव दिए, ताकि युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार मिल सके और प्रदेश बेरोजगारी से छुटकारा पा सके.