कोलेजन हमारे शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोटीन है, जो त्वचा, हड्डियों और जोड़ों की मजबूती बनाए रखने में मदद करता है. हालांकि, कुछ कारणों से युवा अवस्था में भी कोलेजन का स्तर कम हो सकता है, जिससे त्वचा और स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है.
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जेनेटिक फैक्टर: कुछ लोगों में जेनेटिक कारणों से कोलेजन का स्तर पहले से ही कम हो सकता है. यानि उनके शरीर में स्वाभाविक रूप से कम कोलेजन बनता है.
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स्ट्रेस: शारीरिक और मानसिक तनाव के कारण शरीर में कॉर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जो कोलेजन के उत्पादन को कम कर सकता है.
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पोषण की कमी: विटामिन C, जिंक और प्रोटीन जैसी जरूरी पोषक तत्वों की कमी से भी कोलेजन उत्पादन में कमी हो सकती है. सही आहार का सेवन न करने से त्वचा और जोड़ों की सेहत पर असर पड़ता है.
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धूम्रपान: धूम्रपान से शरीर में तंबाकू के रसायन जाते हैं, जो कोलेजन के टूटने को तेज करते हैं. इससे त्वचा में झुर्रियां जल्दी आ सकती हैं और त्वचा की चमक कम हो सकती है.
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पर्याप्त पानी न पीना: शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए पानी जरूरी है. पानी की कमी से त्वचा सूखी होती है और कोलेजन का निर्माण सही तरीके से नहीं हो पाता.
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सूरज की धूप: UV किरणों के संपर्क में आने से त्वचा में कोलेजन टूटता है और नए कोलेजन का उत्पादन कम हो जाता है. सूरज की किरणों से बचने के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूरी है.
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शारीरिक गतिविधि की कमी: व्यायाम और शारीरिक गतिविधि से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है, जिससे कोलेजन का उत्पादन बढ़ता है. यदि किसी व्यक्ति का लाइफस्टाइल शारीरिक रूप से निष्क्रिय है, तो कोलेजन का उत्पादन कम हो सकता है.
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