भिंडी के पौधे को उगाने के लिए सबसे पहले एक 12-15 इंच गहरा और चौड़ा गमला लें जिसमें जल निकासी के लिए छेद हों.
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अब 50% सामान्य मिट्टी, 30% गोबर खाद या वर्मी कम्पोस्ट, 20% कोकोपीट या रेत को मिलाकर गमले में डाल दें. यह मिश्रण पौधे को पोषण और अच्छी ड्रेनेज देगा.
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इसके बाद इसमें उच्च गुणवत्ता वाले बीज चुनें. बीजों को रातभर पानी में भिगोएं ताकि अंकुरण तेज हो.
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बीज को 1 सेंटीमीटर गहराई में बोएं और 12-18 इंच की दूरी रखें. एक गमले में 2-3 पौधे पर्याप्त हैं.
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बुवाई के बाद हल्का पानी दें और गमले को 5-6 घंटे धूप वाली जगह पर रखें. मिट्टी को हमेशा हल्का नम रखें, लेकिन जलभराव से बचें. गर्मियों में हर 2-3 दिन में पानी दें.
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हर 15 दिन में गोबर खाद, वर्मी कम्पोस्ट या NPK (10:10:10) उर्वरक की थोड़ी मात्रा डालें.
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फूल आने पर पोटाश और फॉस्फोरस युक्त खाद (जैसे केले के छिलके की खाद) डालें, इससे फल अधिक लगेंगे. रसायनिक उर्वरकों का कम से कम इस्तेमाल करें.
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जब पौधा 6-8 इंच लंबा हो, तो मुख्य टहनी को हल्का काटें (पिंचिंग). इससे अधिक शाखाएं निकलेंगी और फल ज्यादा लगेंगे.
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पीले या सूखे पत्तों को नियमित हटाएं. पौधे को सहारा देने के लिए बांस की स्टिक का इस्तेमाल करें, खासकर फल लगने पर।
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भिंडी को 3-4 इंच लंबा होने पर काट लें, जब वह नरम हो. ज्यादा पकने पर वह रेशेदार और सख्त हो जाती हैं. नियमित कटाई से पौधा और भिंडियां पैदा करता है. कैंची से सावधानी से काटें.
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भिंडी गर्म मौसम (25-35°C) में सबसे अच्छी तरह बढ़ती है. गर्मियों और शुरुआती बरसात में इसे उगाएं.
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