अगर आप चाहते हैं कि आपके आम के पेड़ में भरपूर और मीठे फल लगें तो आपको सही देखभाल और खेती के कुछ खास उपाय अपनाने होंगे.
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आम की अच्छी फसल के लिए सही खाद, सिंचाई और रोग नियंत्रण बेहद जरूरी होता है.
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अगर आप अच्छी गुणवत्ता और अधिक उपज चाहते हैं तो दशहरी, लंगड़ा, अल्फांसो, चौसा और केसर जैसी किस्मों को उगाएं.
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आम के लिए बलुई दोमट या चिकनी दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है. मिट्टी में पानी रुकना नहीं चाहिए, वरना जड़ें खराब हो सकती हैं.
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साल में दो बार गोबर की खाद, नीम खली और जैविक खाद डालें. NPK (10:10:10) उर्वरक का उपयोग करने से पेड़ में ज्यादा फल आते हैं. फूल और फल बनने के समय पोटाश और फास्फोरस का छिड़काव करें.
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गर्मियों में 10-12 दिन में एक बार पानी दें. सर्दियों में 20-25 दिन में एक बार पानी देना पर्याप्त होता है. फूल आने के समय ज्यादा पानी देने से बचें इससे फूल झड़ सकते हैं.
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पुराने और सूखे टहनियों को हर साल छांटें, ताकि नई शाखाओं को बढ़ने का मौका मिले. पेड़ को ज्यादा लंबा या घना होने से बचाएं, जिससे उसे पर्याप्त धूप और हवा मिल सके.
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मधुमक्खियों और तितलियों को आकर्षित करने के लिए फूलों वाले पौधे लगाएं. मैन्युअल परागण से भी आम की उपज बढ़ाई जा सकती है.
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फलों की मक्खी से बचाने के लिए फलों के आसपास गंध वाले ट्रैप लगाएं. पाउडरी मिल्ड्यू और एन्थ्रेक्नोज रोग से बचाव के लिए नीम का तेल या जैविक फंगीसाइड का छिड़काव करें.
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आम के पौधे को जुलाई से सितंबर के बीच लगाना सबसे सही रहता है. पौधे लगाने के लिए 5-6 मीटर की दूरी जरूर रखें ताकि जड़ों को बढ़ने की पर्याप्त जगह मिले.
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