गमले में धनिया उगाने का एक फायदा यह भी है कि आपको हमेशा इसकी ताजा पत्ती मिलती रहेंगी. इसके कुछ आसान टिप्स हैं.
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सबसे पहले आप 12-18 इंच गहरा और चौड़ा गमला लें. गमले में जल निकासी के लिए 3-4 छेद जरूरी हैं. मिट्टी का गमला बेहतर, प्लास्टिक भी चलेगा.
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इसके लिए मिट्टी तैयार करने पर ध्यान दें. इसमें 60% सामान्य मिट्टी मिट्टी हो, 30% खाद और 10% रेत मिलाएं. मिट्टी ढीली और हल्की होनी चाहिए. pH स्तर 6.2-6.8 के बीच रखें।
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ताजा, अच्छी क्वालिटी के धनिया बीज चुनें. बीज को रातभर पानी में भिगोएं. टूटे या खराब बीज हटाएं. मिट्टी में 1 इंच गहराई पर बीज डालें. बीजों के बीच 2-3 इंच का फासला रखें. हल्के से मिट्टी ढककर पानी छिड़कें.
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गमले को ऐसी जगह रखें जहां 4-6 घंटे धूप मिले. तेज धूप से बचाएं, आंशिक छाया बेहतर. इसके लिए खिड़की या बालकनी आदर्श जगह है.
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मिट्टी को नम रखें, ज्यादा पानी न डालें. 2-3 दिन में हल्का पानी दें. जलभराव से बचें, जड़ें सड़ सकती हैं.
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हर 15 दिन में गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट डालें. तरल खाद (जैसे नीम खली) का छिड़काव करें. रासायनिक खाद से बचें.
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6-8 सप्ताह में धनिया की पत्तियां काटने योग्य हो जाएंगी. नीचे की पत्तियों से कटाई शुरू करें. नियमित कटाई से नई पत्तियां उगेंगी.
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पुराने पौधों से बीज लें और दोबारा बोएं. मौसम बदलने पर गमले की मिट्टी ताजा करें. इस तरह देखभाल से धनिया सालों साल देता रहेगा हरा-भरा स्वाद.
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