इन सिंपल तरीकों से करें केमिकल से पके चीकू की पहचान, जानें 

23 May 2025

चीकू एक स्वादिष्ट और ऊर्जा से भरपूर फल है, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा देने में मदद करता है. इसमें फाइबर, विटामिन A, और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो पाचन सुधारने, त्वचा को निखारने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक होते हैं.

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आजकल फलों को जल्दी पकाने के लिए अक्सर केमिकल्स जैसे कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल किया जाता है, जो सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है.

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चीकू एक ऐसा फल है जिसे जल्दी पकाने के लिए ये तरीके अपनाए जाते हैं. कुछ आसान तरीकों से आप प्राकृतिक और केमिकल से पके चीकू की पहचान कर सकते हैं.

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रंग और चमक से पहचानें: केमिकल से पके चीकू ज्यादा चमकदार और एक जैसे रंग के होते हैं, जबकि प्राकृतिक रूप से पके चीकू हल्के दाग-धब्बों वाले और थोड़े फीके रंग के होते हैं.

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गंध से करें परख: प्राकृतिक चीकू में हल्की-मीठी खुशबू आती है. अगर चीकू में बिल्कुल गंध नहीं है या उसमें कोई अजीब, तीखी या रासायनिक गंध हो, तो समझिए वो केमिकल से पकाया गया है.

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छूकर देखें: केमिकल से पका चीकू ऊपर से नरम होगा लेकिन अंदर से कच्चा या सख्त महसूस हो सकता है. जबकि प्राकृतिक चीकू धीरे-धीरे पूरी तरह पकता है, जिससे वह अंदर तक एक जैसा नरम होता है.

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स्वाद में फर्क: प्राकृतिक चीकू मीठा, रसीला और स्वाद में संतुलित होता है. केमिकल से पका चीकू या तो फीका होता है या उसमें हल्का कड़वापन महसूस हो सकता है.

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चूना पानी टेस्ट (घर में प्रयोग): एक ग्लास पानी में थोड़ा बुझा हुआ चूना डालें और फिर उस पानी में चीकू का टुकड़ा डालें. अगर पानी का रंग बदलता है या उसमें बुलबुले उठते हैं, तो उसमें केमिकल होने की संभावना है.

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पैकेजिंग और खरीदी स्थान पर ध्यान दें: सड़क किनारे या अनहाइजीनिक जगहों से खरीदे गए फलों में केमिकल इस्तेमाल की संभावना अधिक होती है. कोशिश करें कि भरोसेमंद दुकानों या ऑर्गेनिक सोर्स से ही खरीदें.

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