15 से 20 डिग्री सेल्सियस तापमान पर गोभी का विकास सबसे अच्छा होता है. इसका बीज बोने का सही समय अगस्त से अक्टूबर के बीच होता है.
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गोभी उगाने के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट या चिकनी मिट्टी जिसमें बेहतर मानी जाती है. खेत की मिट्टी को भुरभुरी बनाएं और अच्छी तरह गोबर की खाद मिला दें.
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गोभी के बीजों को नर्सरी में तैयार करें. बीजों को हल्की मिट्टी में 1-1.5 सेमी गहराई पर बोएं और हल्के पानी का छिड़काव करें. अंकुरण में 5-7 दिन का समय लगता है.
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जब पौधे 4-5 पत्तियों वाले हो जाएं, तब उन्हें खेत में 45 से 60 सेमी की दूरी पर लगाएं. रोपाई के समय जड़ों को नुकसान से बचाएं और रोपाई के तुरंत बाद पानी दें.
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25-30 दिन के गैप पर नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश वाले उर्वरक का छिड़काव करें. जैविक खाद और वर्मी कम्पोस्ट का भी प्रयोग कर सकते हैं.
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गोभी की फसल को नियमित रूप से पानी देना जरूरी है. मिट्टी में नमी बनाए रखें लेकिन पानी जमा न होने दें. ज्यादा पानी से फसल को नुकसान हो सकता है.
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समय-समय पर जैविक कीटनाशकों का इस्तेमाल करें. तना छेदक, माहू जैसे कीटों पर विशेष ध्यान दें. फसल पर फफूंदी या सड़न दिखे तो तुरंत उपचार करें.
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गोभी की कटाई तब करें जब फूल पूरी तरह सख्त और अपने पूरे आकार में हो जाए. तेज धार वाले चाकू या दरांती का उपयोग करें और ध्यान रखें कि गोभी को चोट न पहुंचे.
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