30 की उम्र के बाद त्वचा में उम्र के असर दिखने लगते हैं, जैसे फाइन लाइन्स, डलनेस और लोच में कमी. ऐसे में सही स्किन केयर रूटीन अपनाना बेहद जरूरी हो जाता है.
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दिन में एक बार 5 मिनट हल्के हाथों से फेस मसाज करें. इससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, स्किन टाइट और यंग दिखती है. फेशियल ऑयल से करना और भी फायदेमंद रहेगा.
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रात में नाइट क्रीम की जगह हफ्ते में 2–3 बार हाइड्रेटिंग स्लीपिंग मास्क लगाएं. ये सोते समय स्किन को डीप रिपेयर करता है और सुबह स्किन फ्रेश और ग्लोइंग लगती है.
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ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो स्किन एजिंग को स्लो करते हैं. साथ ही, अब मार्केट में कोलेजन सप्लीमेंट्स या ड्रिंक्स मिलते हैं जो स्किन की इलास्टिसिटी बढ़ाते हैं.
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हर रविवार को क्लीन्ज़िंग, एक्सफोलिएशन, डीप हाइड्रेशन और फेस मसाज जैसे स्टेप्स का एक डीप स्किन केयर रूटीन अपनाएं. यह आपकी स्किन को पूरे हफ्ते हेल्दी बनाए रखेगा.
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गुआ शा स्टोन या जेड रोलर से रोजाना फेस मसाज करें. इससे पफीनेस कम होती है, टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं और स्किन को नेचुरल लिफ्ट मिलता है.
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हफ्ते में एक दिन कोई भी स्किन प्रोडक्ट न लगाएं, ना क्रीम, ना सीरम. बस चेहरा धोकर छोड़ दें। इससे स्किन को “रिलैक्स” करने का मौका मिलता है और नेचुरल ऑयल बैलेंस बनता है.
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फोन, लैपटॉप की स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट भी स्किन डैमेज कर सकती है. ऐसे में एंटी-ब्लू लाइट प्रोटेक्शन वाला स्किनकेयर या SPF जरूर लगाएं.
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30 के बाद शरीर में कुछ विटामिन्स की कमी हो सकती है जो स्किन को प्रभावित करती है. बायोटिन, विटामिन C और E सप्लीमेंट्स स्किन को भीतर से हेल्दी बनाते हैं.
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प्रोबायोटिक युक्त चीज़ें (जैसे दही, किमची, कंबुचा) खाएं. ये स्किन माइक्रोबायोम को बैलेंस रखते हैं जिससे ब्रेकआउट्स और डलनेस से बचा जा सकता है.
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