भारत में महिलाओं के बीच मोटापा एक आम समस्या बनता जा रहा है. खास तौर पर एक उम्र के बाद उनका वजन तेजी से बढ़ने लगता है और इसे नियंत्रित करना बेहद मुश्किल हो जाता है.
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एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हैं जिनमें हार्मोनल बदलाव से लेकर लाइफस्टाइल तक शामिल हैं.
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महिलाओं में मोटापे की वजह हार्मोनल बदलाव खुद की सेहत पर ध्यान न देना, खराब जीवनशैली, पोषण की कमी और तले-भुने खाने की आदत को माना जाता है.
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इसके अलावा, शारीरिक गतिविधियों का अभाव भी इस समस्या को और गंभीर बना रहा है. रोजमर्रा की जिंदगी में व्यायाम या हल्की-फुल्की मेहनत से दूरी बनाकर महिलाएं अनजाने में मोटापे को न्योता दे रही हैं.
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हाल ही में एक कार्यक्रम में लिवर विशेषज्ञ डॉक्टर सरीन ने महिलाओं के स्वास्थ्य पर खास जोर दिया. उनका कहना था कि महिलाओं का वजन उनकी हाइट के हिसाब से संतुलित होना चाहिए, वरना यह कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है.
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डॉक्टर सरीन ने वजन का सही हिसाब लगाने का आसान तरीका बताया. उन्होंने कहा, अपनी हाइट को सेंटीमीटर में मापें और उसमें से 100 घटा दें. जो संख्या बचेगी, वही आपका आदर्श वजन है.
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उदाहरण के तौर पर अगर किसी महिला की हाइट 160 सेंटीमीटर है तो 160 से 100 घटाने पर 60 बचता है. यानी उसका सही वजन 60 किलोग्राम होना चाहिए.
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डॉक्टर सरीन ने यह भी कहा कि अगर परिवार में डायबिटीज, हार्ट की बीमारी या कैंसर जैसी समस्याओं का इतिहास है, तो वजन को और सख्ती से नियंत्रित करना चाहिए. ऐसे में आदर्श वजन से 5 से 6 किलो और कम रखना बेहतर होता है ताकि इन बीमारियों का खतरा कम हो सके.
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