बीड़ी में तंबाकू की मात्रा अधिक होती है, जबकि सिगरेट में फिल्टर होने के कारण तंबाकू की मात्रा नियंत्रित रहती है।
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बीड़ी में फिल्टर नहीं होता, जिससे धुएं के हानिकारक तत्व सीधे फेफड़ों तक पहुंचते हैं, जबकि सिगरेट में फिल्टर से थोड़ी रोकथाम होती है.
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बीड़ी धीमी जलती है, जिससे धुआं ज्यादा निकलता है और इसे बार-बार खींचना पड़ता है, जो फेफड़ों को अधिक नुकसान पहुंचाता है.
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बीड़ी में निकोटिन अधिक होता है, जिससे यह सिगरेट की तुलना में ज्यादा लत लगाती है.
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बीड़ी और सिगरेट दोनों फेफड़ों, गले और मुंह के कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं, लेकिन बीड़ी का असर ज्यादा गंभीर और तेज होता है.
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बीड़ी बिना फिल्टर और कागज के सुलगाई जाती है, जिससे निकलने वाला धुआं ज्यादा जहरीला होता है.
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बीड़ी पीने से फेफड़ों में क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और टीबी जैसी बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है.
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तो कहा जा सकता है कि बीड़ी और सिगरेट दोनों ही स्वास्थ्य के लिए घातक हैं, लेकिन बीड़ी के तंबाकू और धुएं के ज्यादा संपर्क के कारण यह सिगरेट से भी ज्यादा नुकसानदायक होती है.
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