आज के तेज़ रफ्तार जीवन में देर से डिनर करना आम बात हो गई है. लेकिन एक्सपर्ट्स चेतावनी दे रहे हैं कि ये आदत आपकी सेहत और वजन घटाने की कोशिशों के खिलाफ काम कर सकती है.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, डिनर शाम 5 से 7 बजे के बीच या सोने से कम से कम 2-3 घंटे पहले कर लेना चाहिए. इससे खाना अच्छे से पचता है, नींद अच्छी आती है और मेटाबॉलिज़्म बेहतर होता है.
रात में शरीर की इंसुलिन सेंसिटिविटी घट जाती है, जिससे कार्ब्स सही से पच नहीं पाते और ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है. इससे फैट बर्निंग धीमी हो जाती है और शरीर ज़्यादा कैलोरी स्टोर करने लगता है.
देर से खाना खाने से घ्रेलिन (भूख बढ़ाने वाला हॉर्मोन) बढ़ता है और लेप्टिन (पेट भरने का संकेत देने वाला हॉर्मोन) कम हो जाता है. इससे बार-बार भूख लगती है और वजन बढ़ने का खतरा बढ़ता है.
हेल्दी डिनर में प्रोटीन और फाइबर से भरपूर चीज़ें होनी चाहिए जैसे दाल, हरी सब्ज़ियां, टोफू, अंडा, पनीर, साबुत अनाज. ये पाचन में वक्त लेते हैं और नींद के दौरान भी मेटाबॉलिज़्म को एक्टिव रखते हैं.
आयुर्वेद के अनुसार, सूर्य ढलने के बाद पाचन शक्ति कम हो जाती है. इसलिए रात का खाना हल्का और सात्विक (शुद्ध और संतुलित) होना चाहिए. ऐसा भोजन शरीर में टॉक्सिन बनने से रोकता है और मेटाबॉलिज़्म को बेहतर करता है.
अगर समय की मजबूरी हो तो डिनर हल्का, प्रोटीन युक्त और फाइबर से भरपूर रखें जैसे सब्जियों का सूप, हल्की दाल-चावल, या पनीर-सैलेड. साथ ही, मोबाइल या टीवी देखते हुए खाने से बचें.
देर रात भारी खाना सिर्फ शरीर नहीं, मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालता है. इससे नींद खराब हो सकती है और तनाव बढ़ सकता है. ध्यानपूर्वक खाने की आदत इन समस्याओं से बचा सकती है.
खाना सिर्फ पेट भरने का नहीं, एक सजग और पवित्र अनुभव होना चाहिए. धीरे-धीरे खाना, शांत वातावरण में बैठकर भोजन करना और खाने के बाद थोड़ी वॉक या हल्का योग, ये सब पाचन और सेहत दोनों के लिए फायदेमंद हैं.