इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) एक डायट प्लान नहीं, बल्कि खाने का एक तरीका है जिसमें आप एक तय समय अवधि में खाना खाते हैं और बाकी समय उपवास (फास्टिंग) करते हैं.
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इसमें ये तय नहीं होता कि आप क्या खा रहे हैं, बल्कि कब खा रहे हैं. उदाहरण के लिए, 16/8 मेथड में आप दिन के 24 घंटों में 16 घंटे उपवास करते हैं और केवल 8 घंटे के भीतर खाना खाते हैं. जैसे – सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खाना, और बाकी समय उपवास.
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इंसुलिन का स्तर कम होता है: जब आप खाते नहीं हैं, तो शरीर में इंसुलिन का स्तर कम हो जाता है, जिससे फैट स्टोर करने के बजाय वह एनर्जी के रूप में उपयोग होने लगता है.
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फैट बर्निंग तेज होती है: उपवास के दौरान शरीर भोजन से नहीं बल्कि stored fat से ऊर्जा बनाता है, जिससे वजन कम होता है.
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ऑटोफैगी: लंबे फास्ट से शरीर पुराने और खराब सेल्स को साफ करता है, जिससे हेल्थ बेहतर होती है.
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हॉर्मोनल बैलेंस: ग्रोथ हॉर्मोन, इंसुलिन और अन्य हॉर्मोन्स में पॉजिटिव बदलाव होते हैं, जिससे मेटाबॉलिज्म सुधरता है.
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इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन घटाने में सहायक होती है, मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाती है, ब्लड शुगर को कंट्रोल करती है, मानसिक स्पष्टता और फोकस बढ़ाती है, साथ ही सेल रिपेयर में मदद कर उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करती है.
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