शराब पीने के शौकीन लोगों ने कभी ये सोचा है या नहीं कि इसे पीते ही उनके दिमाग में क्या-क्या होता है? नशा कैसे हो जाता है?
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असल में शराब का सेवन करने के मिनटों बाद ही ये दिमाग पर असर डाल देती है. आइए आपको इसकी वजह बताते हैं.
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शराब पीने से मस्तिष्क में GABA का स्तर बढ़ जाता है. यह एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो मस्तिष्क की गतिविधियां धीमी कर देता है और व्यक्ति को शांति और नशे का अनुभव होता है.
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शराब मस्तिष्क में डोपामिन का स्तर बढ़ा देती है. इससे खुशी और आनंद का भाव पैदा होता है, और व्यक्ति नशे में आ जाता है.
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शराब उत्तेजक न्यूरोट्रांसमीटर ग्लूटामेट को सप्रेस कर देती है. इससे मस्तिष्क की संज्ञा पर असर पड़ता है. निर्णय लेने की क्षमता और रिएक्शन स्लो हो जाता है.
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शराब प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स और सेरिबेलम को प्रभावित करती है. इससे व्यक्ति की निर्णय क्षमता पर तो असर पड़ता ही है शारीरिक संतुलन भी बिगड़ जाता है.
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शराब सेंट्रल नर्वस सिस्टम को स्लो कर देती है. इससे व्यक्ति की प्रतिक्रिया धीमी हो जाती है और उसे नशे का अनुभव होता है.
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डिस्क्लेमर: शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. इसकी लत जानलेवा हो सकती है.
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