किडनी हमारे शरीर के सबसे जरूरी अंगों में से एक है जो ब्लड को फिल्टर करने, टॉक्सिन्स बाहर निकालने और शरीर में पानी व मिनरल्स का संतुलन बनाए रखने का काम करती है.
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लेकिन जब किडनी कमजोर होने लगती है तो शरीर में कई तरह के अलार्मिंग संकेत दिखने लगते हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है.
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अगर समय रहते इन लक्षणों को पहचान लिया जाए तो किडनी की बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है.
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अगर आपको बहुत ज्यादा या बहुत कम पेशाब आ रहा है तो यह किडनी फेलियर का संकेत हो सकता है.
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अगर पेशाब का रंग गहरा पीला, भूरा या लाल हो जाए और उसमें झाग दिखे तो यह किडनी के खराब होने का संकेत हो सकता है.
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जब किडनी सही से काम नहीं करती तो शरीर में वॉटर रिटेंशन बढ़ जाता है, जिससे चेहरे, पैरों और टखनों में सूजन दिखने लगती है.
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किडनी शरीर में सोडियम और पानी के स्तर को नियंत्रित करती है. अगर यह सही से काम नहीं करती, तो ब्लड प्रेशर तेजी से बढ़ने लगता है.
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अगर बिना ज्यादा मेहनत के भी आपको थकान, कमजोरी और सुस्ती महसूस होती है, तो यह किडनी खराब होने का संकेत हो सकता है.
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किडनी जब विषैले तत्वों को शरीर से बाहर नहीं निकाल पाती तो मतली, उल्टी और भूख कम लगने की समस्या हो सकती है.
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किडनी खराब होने से फेफड़ों में फ्लूइड जमा हो सकता है जिससे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है.
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अगर शरीर में टॉक्सिन्स जमा होने लगें तो त्वचा रूखी, बेजान और खुजलीदार हो सकती है.
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किडनी खराब होने से एनीमिया हो सकता है जिससे शरीर में हीमोग्लोबिन कम हो जाता है और हमेशा ठंड लगती रहती है.
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जब किडनी सही से टॉक्सिन्स बाहर नहीं निकाल पाती तो इसका असर नींद की गुणवत्ता पर पड़ता है, जिससे इंसोम्निया की समस्या हो सकती है.
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अगर आपको इन लक्षणों में से कोई भी दो या तीन लगातार नजर आ रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और क्रिएटिनिन, यूरिया, ब्लड प्रेशर और यूरिन टेस्ट करवाएं.
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