कैल्शियम की कमी (हाइपोकैल्सीमिया) शरीर में कई समस्याओं का कारण बन सकती है, क्योंकि यह खनिज हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों के सही कामकाज के लिए आवश्यक है.
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कैल्शियम की कमी से होने वाली परेशानियां धीरे-धीरे प्रकट होती हैं और शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित करती हैं.
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कैल्शियम हड्डियों का मुख्य घटक है. इसकी कमी से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, जिससे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है.
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कैल्शियम की कमी से दांत कमजोर हो जाते हैं और कैविटी की संभावना बढ़ जाती है. इसके अलावा, दांतों में दर्द और संवेदनशीलता महसूस हो सकती है.
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कैल्शियम की कमी से मांसपेशियों में ऐंठन, झटके और कमजोरी हो सकती है. खासकर पैरों, हाथों और पीठ में अक्सर दर्द और ऐंठन की शिकायत रहती है.
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कैल्शियम की कमी नर्वस सिस्टम को भी प्रभावित करती है. इससे झुनझुनी (Tingling) या सुन्नपन का अनुभव हो सकता है, खासकर हाथों, पैरों और चेहरे में.
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कैल्शियम की कमी से व्यक्ति चिड़चिड़ा और मानसिक रूप से थका हुआ महसूस कर सकता है. मूड स्विंग, तनाव, और अवसाद जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं.
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कैल्शियम की कमी से त्वचा रूखी और बेजान हो सकती है. इसके अलावा, बाल भी कमजोर होकर गिरने लगते हैं.
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बच्चों के लिए कैल्शियम बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह हड्डियों और दांतों के विकास के लिए आवश्यक है. इसकी कमी से बच्चों के शारीरिक विकास में रुकावट हो सकती है और हड्डियां कमजोर हो सकती हैं.
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कैल्शियम का स्तर कम होने पर पाराथायरॉइड ग्रंथि (Parathyroid Gland) सही ढंग से काम नहीं करती, जिससे हार्मोन असंतुलन हो सकता है.
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