आयुर्वेद में अमृत कहे जाते हैं ये फूड्स, जरूर करें डाइट में शामिल

10 Jan 2025

आयुर्वेद में कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताया गया है जो शरीर के लिए अमृत समान माने जाते हैं. ये न केवल पोषण प्रदान करते हैं, बल्कि बीमारियों से बचाने और स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाते हैं.

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आइए जानते हैं इन आयुर्वेदिक "अमृत फूड्स" के बारे में और इन्हें अपनी डाइट में शामिल करने के फायदे.

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आंवला को आयुर्वेद में 'धात्री फल' कहा गया है, जो शरीर के सभी दोषों को संतुलित करता है. यह विटामिन C से भरपूर होता है और इम्यूनिटी को मजबूत करता है. नियमित रूप से आंवले का सेवन त्वचा को निखारता है, बालों को स्वस्थ रखता है और पाचन को बेहतर बनाता है.

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हल्दी को आयुर्वेद में "स्वर्ण औषधि" कहा गया है. इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर को अंदर से स्वस्थ रखते हैं. हल्दी का सेवन रक्त को शुद्ध करता है और बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है. दूध के साथ हल्दी का सेवन विशेष रूप से फायदेमंद माना गया है.

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शहद को आयुर्वेद में 'योगवाही' कहा गया है, जिसका मतलब है कि यह अन्य औषधियों के प्रभाव को बढ़ाता है. यह शरीर को ऊर्जा देता है, पाचन सुधारता है और गले की समस्याओं में राहत देता है. शहद का नियमित उपयोग त्वचा को निखारने और वजन संतुलित रखने में भी मदद करता है.

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घी को आयुर्वेद में 'सत्व वृध्धि' यानी शरीर और मन की शुद्धि के लिए जरूरी माना गया है. यह शरीर को पोषण देता है, हड्डियों को मजबूत करता है और मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाता है. घी का सीमित मात्रा में नियमित सेवन पाचन और ऊर्जा के लिए फायदेमंद है.

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तिल को "त्वचा का अमृत" कहा गया है. इसमें कैल्शियम, आयरन और जिंक जैसे मिनरल्स भरपूर होते हैं. तिल का सेवन हड्डियों को मजबूत करता है, बालों की सेहत सुधारता है और त्वचा को चमकदार बनाता है. ठंड के मौसम में तिल का उपयोग विशेष रूप से लाभकारी होता है.

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इन फूड्स को डाइट में शामिल करने से इम्यूनिटी अच्छी रहती है. डाइजेशन बेहतर रहता है. ये स्किन और बालों के लिए भी अच्छे माने जाते हैं. इसके साथ ही ये चीजें उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं.

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