डायबिटीज को अक्सर उम्र दराज लोगों की बीमारी माना जाता है. लेकिन आजकल यह छोटे बच्चों में भी तेजी से बढ़ रही है.
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खराब लाइफस्टाइल, गलत खानपान और फिजिकल एक्टिविटी की कमी इसके प्रमुख कारण हैं. अगर बच्चों की कुछ आदतों पर ध्यान न दिया जाए तो वे टाइप-2 डायबिटीज के शिकार हो सकते हैं.
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बच्चे चिप्स, पिज्जा, बर्गर, केक, कुकीज़ और कोल्ड ड्रिंक्स जैसी चीजें ज्यादा पसंद करते हैं. इनमें शुगर और ट्रांस फैट की मात्रा ज्यादा होती है जिससे मोटापा बढ़ता है और शरीर में इंसुलिन रेसिस्टेंस हो सकता है.
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आजकल बच्चे ज्यादातर समय मोबाइल, टीवी या वीडियो गेम में बिताते हैं. आउटडोर गेम्स और फिजिकल एक्टिविटी की कमी से वजन बढ़ता है जिससे डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है.
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बच्चों का देर रात तक जागना और पर्याप्त नींद न लेना भी डायबिटीज की वजह बन सकता है. कम नींद से मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है और इंसुलिन का संतुलन बिगड़ सकता है.
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कोल्ड ड्रिंक्स, पैकेज्ड जूस और मीठी चाय में बहुत ज्यादा शुगर होती है जो ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ा सकती है. इसकी जगह बच्चों को ताजे फलों का जूस या नारियल पानी देना चाहिए.
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बढ़ता पढ़ाई का दबाव, सोशल मीडिया की लत और हाई कॉम्पिटिशन के कारण बच्चों में स्ट्रेस बढ़ रहा है. यह स्ट्रेस शरीर में हार्मोनल बदलाव लाता है जो इंसुलिन के प्रभाव को कम कर सकता है.
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कुछ बच्चे सही समय पर नाश्ता और खाना नहीं खाते. कभी ज्यादा गैप, तो कभी जरूरत से ज्यादा खाना, शरीर में ब्लड शुगर लेवल को असंतुलित कर सकता है.
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बच्चों की डाइट में सब्जियां, फल, नट्स और फाइबरयुक्त फूड्स की कमी डायबिटीज का खतरा बढ़ा सकती है. इन चीजों को डाइट में शामिल करने से ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है.
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