प्राचीन आयुर्वेद में गिलोय को "अमृता" यानी अमरता देने वाली जड़ी-बूटी कहा गया है। इसकी बेल पेड़ों या दीवारों पर चढ़ती है, लेकिन इसके औषधीय गुण किसी वरदान से कम नहीं हैं.
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रोज सुबह खाली पेट गिलोय का रस पीना एक सरल लेकिन प्रभावशाली आदत है. प्राकृतिक चिकित्सा की इस अनमोल औषधि को अपनी दिनचर्या में शामिल कर आप शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ा सकते हैं.
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गिलोय शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है, जिससे आप वायरल संक्रमण, सर्दी-जुकाम, और बुखार जैसी समस्याओं से बचे रहते हैं.
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गिलोय प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने में मदद करता है, जो डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों में फायदेमंद होता है.
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यह पाचन शक्ति को सुधारता है, अपच, गैस, एसिडिटी जैसी समस्याओं में राहत देता है.
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गिलोय में हाइपोग्लाइसेमिक गुण होते हैं जो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं (लेकिन डॉक्टर की सलाह जरूरी है).
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गिलोय का रस लीवर और किडनी को डिटॉक्स करने में मदद करता है और शरीर से विषैले तत्व निकालता है.
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इसके सेवन से मानसिक तनाव और चिंता कम हो सकती है। यह शांति और मानसिक स्पष्टता में भी सहायक है.
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इसके नियमित सेवन से त्वचा साफ और चमकदार बन सकती है. एक्ने, फोड़े-फुंसी जैसी समस्याएं भी कम हो सकती हैं.
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रोज सुबह खाली पेट 10–15 मिली गिलोय रस, आधे कप गुनगुने पानी के साथ लिया जा सकता है. स्वाद के अनुसार शहद या आंवला रस मिलाया जा सकता है.
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