नाक में तेल डालना एक पारंपरिक आयुर्वेदिक उपाय है, जो श्वसन मार्ग को साफ करने और कई स्वास्थ्य समस्याओं से राहत देने में मदद करता है.
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सर्दी और जुकाम से राहत: नाक में तेल डालने से नासिका मार्ग में नमी बनी रहती है, जिससे सर्दी और जुकाम से राहत मिलती है. यह श्वसन मार्ग को साफ करता है और सांस लेने में आसानी होती है.
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एलर्जी से राहत: नाक में तेल डालने से नाक की अंदरूनी सूजन कम होती है और एलर्जी से राहत मिलती है. यह नाक के आवरण को सुकून देता है, जिससे एलर्जी के लक्षण कम होते हैं.
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तनाव कम करता है: नाक में तेल डालने से मस्तिष्क को शांति मिलती है, जिससे तनाव और चिंता कम होती है. यह मानसिक स्थिति को बेहतर बनाता है और विश्राम में मदद करता है.
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साइनस से आराम: साइनस के कारण होने वाली सूजन और दर्द में राहत मिलती है, क्योंकि तेल नासिका मार्ग को खोलता है और सूजन को कम करता है. यह साइनस से जुड़ी समस्याओं को बेहतर करता है.
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खर्राटों से राहत: नाक में तेल डालने से नासिका मार्ग में नमी बनी रहती है, जिससे सांस लेने में कोई रुकावट नहीं होती और खर्राटों से राहत मिलती है. यह नींद में सुधार करने में मदद करता है.
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नींद में सुधार: यह उपाय न केवल श्वसन समस्याओं को ठीक करता है, बल्कि नींद को भी बेहतर बनाता है. मस्तिष्क को शांति मिलती है, जिससे अच्छी नींद आती है और शरीर को पर्याप्त विश्राम मिलता है.
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कैसे डालें तेल: शुद्ध सरसो का तेल, तिल तेल या बादाम तेल का उपयोग करें. नाक में 1-2 बूँद तेल डालें और धीरे-धीरे श्वास लें. इसे रात को सोने से पहले करना सबसे प्रभावी माना जाता है.
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