सरसों का तेल सदियों से आयुर्वेद में दर्द निवारण के लिए इस्तेमाल होता आ रहा है. इसकी गर्म तासीर और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण शरीर के जोड़ों, मांसपेशियों और नसों के दर्द में राहत देने में मदद करते हैं.
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लेकिन अगर सरसों के तेल में कुछ प्राकृतिक औषधीय चीजें मिलाकर लगाया जाए, तो यह मिश्रण पुराने से पुराना दर्द भी जड़ से खत्म कर सकता है.
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लहसुन: सरसों के तेल में लहसुन की कुछ कलियां गर्म करके लगाने से गठिया, पीठ दर्द और जोड़ों के दर्द में तेज़ राहत मिलती है. लहसुन एंटी-इंफ्लेमेटरी और दर्द निवारक होता है.
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अजवाइन: सरसों के तेल में अजवाइन डालकर गर्म करें और उस तेल से मालिश करें. यह मिश्रण नसों के खिंचाव और मांसपेशियों के दर्द में फायदेमंद है.
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हींग (असाफोइटिडा): सरसों के तेल में हींग मिलाकर जोड़ों पर मालिश करने से सूजन और दर्द में राहत मिलती है. हींग में प्राकृतिक दर्द निवारक गुण होते हैं.
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कपूर (काफूर): सरसों के तेल में कपूर मिलाकर मालिश करने से ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है और दर्द में तुरंत आराम मिलता है.
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कैसे करें इस्तेमाल: इनमें से किसी भी चीज़ को सरसों के तेल में मिलाकर हल्का गर्म करें और दर्द वाले हिस्से पर दिन में 1–2 बार धीरे-धीरे मालिश करें. ध्यान रखें कि तेल ज्यादा गर्म न हो और त्वचा पर सीधे लगने से पहले थोड़ी मात्रा टेस्ट कर लें.
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