आज के बदलते लाइफस्टाइल और खानपान की गलत आदतों की वजह से फैटी लिवर एक आम लेकिन चिंताजनक समस्या बन गई है. यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें लिवर की कोशिकाओं में चर्बी (Fat) जमा हो जाती है.
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शुरुआत में इसके लक्षण नजर नहीं आते, लेकिन अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह गंभीर लिवर रोगों का कारण बन सकता है.
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फैटी लिवर को कंट्रोल करने के लिए सिर्फ दवाओं पर निर्भर रहना काफी नहीं होता. सही खानपान और जीवनशैली अपनाना सबसे जरूरी है.
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तेल और तले-भुने खाद्य पदार्थ: जैसे समोसे, पकौड़े, चिप्स आदि. इनमें ट्रांस फैट होता है, जो लिवर में सूजन और फैट जमा होने की प्रक्रिया को तेज करता है.
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चीनी और मीठा: केक, मिठाई, मीठे जूस और सॉफ्ट ड्रिंक्स से बचें. ज्यादा चीनी लिवर में फैट जमा करती है और इंसुलिन रेसिस्टेंस बढ़ाती है.
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सफेद ब्रेड और मैदा: रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ाते हैं. ये फैट में बदलकर लिवर को नुकसान पहुंचाते हैं.
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अल्कोहल (शराब): यह लिवर की कोशिकाओं को सीधे नुकसान पहुंचाता है. यहां तक कि नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर में भी शराब से हालत बिगड़ सकती है.
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प्रोसेस्ड फूड्स: जैसे नूडल्स, बर्गर, रेडीमेड स्नैक्स. इनमें मौजूद प्रिज़र्वेटिव्स और सोडियम लिवर की कार्यक्षमता को कमजोर करते हैं.
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फुल-फैट डेयरी प्रोडक्ट्स: मलाई वाला दूध, मक्खन, चीज़ में सैचुरेटेड फैट अधिक होता है. ये लिवर में फैट जमा होने की संभावना को बढ़ाते हैं.
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