मेनोपॉज के बाद महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव के कारण त्वचा पर कई तरह की समस्याएं दिखाई देने लगती हैं.
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इस दौरान त्वचा का लचीलापन कम हो जाता है और कोलेजन का उत्पादन भी घटता है, जिससे त्वचा पर कई बदलाव देखे जा सकते हैं.
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रूखी और बेजान त्वचा: एस्ट्रोजन की कमी से त्वचा का नमी संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे त्वचा रूखी और बेजान दिखने लगती है.
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झुर्रियां और महीन रेखाएं: त्वचा में लचीलापन कम होने के कारण झुर्रियों और महीन रेखाओं की समस्या बढ़ जाती है. खासकर आंखों और मुंह के आस-पास ये लक्षण ज्यादा नजर आते हैं.
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त्वचा का ढीला पड़ना: कोलेजन की कमी से त्वचा का टाइटनेस कम हो जाता है, जिससे त्वचा ढीली पड़ने लगती है.
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पिग्मेंटेशन और धब्बे: मेनोपॉज के बाद त्वचा में पिग्मेंटेशन यानी दाग-धब्बों की समस्या भी बढ़ जाती है. हॉर्मोनल असंतुलन इसका मुख्य कारण है.
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एक्ने: कुछ महिलाओं में मेनोपॉज के बाद एक्ने की समस्या भी हो सकती है, क्योंकि हार्मोनल बदलाव त्वचा के तेल उत्पादन को प्रभावित करते हैं.
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मेनोपॉज के बाद त्वचा की देखभाल के लिए नमी बनाए रखना, सनस्क्रीन का उपयोग, और एंटी-एजिंग क्रीम का इस्तेमाल फायदेमंद हो सकता है.
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