आयुर्वेद के अनुसार ये 6 फूड कॉम्बिनेशन हैं सेहत के दुश्मन, जानें क्यों

9 May 2025

आयुर्वेद, जो कि भारत की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है, भोजन को केवल शरीर का ईंधन नहीं मानता बल्कि उसे औषधि के रूप में देखता है. इसमें यह स्पष्ट बताया गया है कि "क्या खाएं" के साथ-साथ "कैसे और किनके साथ खाएं" भी उतना ही महत्वपूर्ण है.

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कई बार हम स्वास्थ्यवर्धक माने जाने वाले दो खाद्य पदार्थों को एकसाथ खा लेते हैं, लेकिन उनका संयोजन शरीर के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है. ऐसे गलत फूड कॉम्बिनेशन को आयुर्वेद "विरुद्ध आहार" कहता है, जो पाचन को बिगाड़कर रोगों को जन्म देता है.

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दूध और नमक: दूध और नमक का साथ सेवन पाचन को प्रभावित करता है और त्वचा संबंधी समस्याएं जैसे फुंसियां व एलर्जी उत्पन्न कर सकता है. यह शरीर में विषाक्तता (टॉक्सिन्स) बढ़ाता है.

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फल और दूध: दूध के साथ खट्टे या रसीले फल लेने से दूध फट सकता है, जिससे अपच और गैस की समस्या होती है. आयुर्वेद इसे "विरुद्ध आहार" मानता है.

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शहद और गर्म पानी: शहद को गर्म पानी या गर्म भोजन में मिलाना ज़हरीला प्रभाव डाल सकता है. यह शरीर में "अम्लता" और विषैले तत्व उत्पन्न करता है.

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दही और फल: दही के साथ फल लेने से यह फर्मेंटेशन बढ़ाता है, जिससे कफ बढ़ सकता है और सर्दी-जुकाम होने की संभावना रहती है. यह पाचन तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव डालता है.

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घी और शहद बराबर मात्रा में: घी और शहद को समान मात्रा में मिलाकर सेवन करना विषाक्त माना जाता है. यह आयुर्वेद में एक गंभीर त्रुटि मानी जाती है जो कोशिकीय स्तर पर विष फैलाती है.

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दूध और मांसाहार: दूध के साथ मांस, विशेषकर मछली, लेने से शरीर में विष बनते हैं और त्वचा रोग हो सकते हैं. यह अग्नि (डाइजेस्टिव फायर) को कमजोर करता है.

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