35 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल और शारीरिक परिवर्तन आने लगते हैं. ऐसे में अगर रोज़ाना कुछ आसान लेकिन प्रभावी योगासन किए जाएं, तो न केवल स्वास्थ्य बेहतर रहता है बल्कि मानसिक संतुलन भी बना रहता है.
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नौकासन ऐसा ही एक योगासन है, जो महिलाओं के लिए खासतौर पर फायदेमंद है. नौकासन योग में शरीर को नाव (नौका) की आकृति में लाया जाता है. यह पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने के साथ-साथ संतुलन और एकाग्रता भी बढ़ाता है.
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पेट की चर्बी घटाए: नौकासन पेट और कमर की मांसपेशियों पर सीधा प्रभाव डालता है. रोज अभ्यास करने से पेट की चर्बी तेजी से घटती है और टोंड लुक मिलता है.
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पाचन शक्ति में सुधार: इस आसन से पेट के अंग सक्रिय होते हैं, जिससे पाचन क्रिया बेहतर होती है. गैस, अपच और कब्ज जैसी समस्याओं में राहत मिलती है.
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मेनोपॉजमें सहायक: मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल असंतुलन से कई परेशानियाँ होती हैं. नौकासन से शरीर में हार्मोन बैलेंस होता है और मूड स्विंग्स कम होते हैं.
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पीठ और रीढ़ को मजबूत बनाता है: नौकासन से रीढ़ की हड्डी और पीठ की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं. इससे बढ़ती उम्र में पीठ दर्द की समस्या कम होती है.
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मानसिक तनाव दूर करे: यह आसन ध्यान और संतुलन बढ़ाने में मदद करता है. नियमित अभ्यास तनाव, चिंता और मानसिक थकान को कम करता है.
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पीरियड्स की अनियमितता में लाभकारी: नौकासन से पेट और प्रजनन अंगों की अच्छी मसाज होती है. इससे पीरियड्स नियमित होने में मदद मिलती है और दर्द भी कम होता है.
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बैलेंस और लचीलापन बढ़ाता है: इस योग से शरीर का संतुलन और फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है. उम्र बढ़ने पर भी शरीर सक्रिय और संतुलित बना रहता है.
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शरीर को स्लिम और टोंड बनाता है: नियमित अभ्यास शरीर को फिट और टोंड बनाए रखता है. वजन नियंत्रित रहता है और शरीर की शेप बनी रहती है.
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