आज सावन का अंतिम सोमवार है. इस पावन अवसर पर द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक, बाबा काशी विश्वनाथ का धाम एक अलग ही रंग में रंगा नजर आया.
Credit: श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट
सावन के अंतिम सोमवार पर बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती से पहले उनका विशेष श्रृंगार किया गया. पुजारियों ने बाबा को फूलों और सुगंधित पदार्थों से सजाया.
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यह श्रृंगार पूरा होने के बाद वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मंगला आरती शुरू हुई. मंदिर के पुजारियों ने पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव की आरती की जिससे पूरा धाम भक्तिमय हो उठा.
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आरती के समय घंटियों की गूंज और मंत्रों की ध्वनि पूरे वातावरण में फैल रही थी. ऐसा लग रहा था मानो स्वयं देवता धरती पर उतर आए हों.
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बीती रात से ही बाबा के दर्शन के लिए भक्तों और कांवड़ियों की लंबी कतारें लगी हुई थीं. सभी की आंखों में बाबा विश्वनाथ के एक दर्शन की उत्कंठा साफ झलक रही थी.
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जैसे ही आरती समाप्त हुई, भक्तों का इंतजार खत्म हुआ. मंदिर के द्वार खुलते ही कांवड़िए बाबा विश्वनाथ के दर्शन और जलाभिषेक के लिए उमड़ पड़े.
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मंदिर के रास्ते पर कांवड़ियों का स्वागत फूलों की वर्षा से किया गया. इस सम्मान को देखकर भक्तों का जोश और भी बढ़ गया.
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चारों दिशाओं से 'हर हर महादेव' और 'बोल बम' के उद्घोष गूंजने लगे. यह दृश्य किसी उत्सव से कम नहीं दिखा.
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