सावन का महीना केवल सोमवार के लिए ही खास नहीं, बल्कि इसके शनिवार भी बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं. ज्योतिषी पंडित शैलेंद्र पांडेय बताते हैं कि इस दिन की पूजा से धन का संकट दूर होता है.
सावन के शनिवार भी सोमवार जितने ही महत्वपूर्ण माने जाते हैं. सावन जल तत्व का महीना है और इसमें वायु तत्व कमजोर हो जाता है. वायु तत्व के स्वामी शनि हैं. इसलिए इस समय शनि की उपासना करने से मानसिक तनाव, पाचन तंत्र और आर्थिक समस्याओं से राहत मिलती है.
सावन के शनिवार को "संपत्त शनिवार" भी कहा जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन शनि की उपासना करने से जीवन में धन, संपत्ति, स्वास्थ्य और करियर की बाधाएं दूर होती हैं. कहा जाता है कि सालभर शनि पूजा न करें, पर सिर्फ सावन में शनि की पूजा करें तो भी लाभ होता है.
शाम को पीपल के पेड़ के नीचे जाएं, सरसों के तेल का बड़ा दीपक जलाएं. फिर वहीं बैठकर शिव मंत्र “ॐ नमः शिवाय” का जप करें और इसके बाद शनि मंत्र “शं शनैश्चराय नमः” का जप करें.
इसके बाद किसी गरीब को भोजन कराएं या अन्न या धन का दान करें. फिर शिव जी और शनिदेव से कृपा की प्रार्थना करें. अगर यह उपाय हर शनिवार को सावन में करें, तो धन, करियर और जीवन की सभी समस्याएं धीरे-धीरे दूर हो जाती हैं.
रोजगार और करियर की समस्याओं से राहत चाहिए तो सावन के शनिवार को दिनभर या शाम तक उपवास रखें. शाम को शनि मंत्र “शं शनैश्चराय नमः” की 3, 5 या 11 मालाएं जपें. फिर हाथ में काला धागा लेकर पीपल की 3 बार परिक्रमा करें और तने में धागा बांध दें.
परिक्रमा के बाद सरसों के तेल का दीपक पीपल के नीचे जलाएं और फिर रोजगार, करियर और नौकरी के लिए प्रार्थना करें. यह प्रयोग सावन के हर शनिवार को करने से आर्थिक और प्रोफेशनल लाभ मिलेगा.
नीम की लकड़ी जलाएं, काले तिल को हवन सामग्री में मिलाकर 108 बार आहुति दें – “शं शनैश्चराय स्वाहा” मंत्र से. हवन के बाद किसी गरीब को काले चने, काली उड़द, काले तिल या काले कपड़े का दान करें.
साढ़े साती या ढैया से हैं परेशान? सावन के शनिवार को लोहे का छल्ला गंगाजल से धोकर शिवलिंग से स्पर्श कराएं और इसे अपनी मध्यमा अंगुली (मिडल फिंगर) में पहन लें. इससे शनि के बुरे प्रभाव से बचाव होगा.