पितृपक्ष हिंदू धर्म में पूर्वजों (पितरों) को श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक महत्वपूर्ण समय होता है. इसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है.
Credit:AI
मान्यता है कि पितरों की आत्मा इन दिनों पृथ्वी पर आती है और अपने वंशजों से श्रद्धा और सम्मान की अपेक्षा करती है.
Credit:AI
अगर पितरों को सम्मान और श्रद्धा से तर्पण, पिंडदान और भोजन अर्पित किया जाए, तो वे प्रसन्न होते हैं और परिवार को आशीर्वाद देते हैं.
Credit:AI
ऐसे में आइए जानने की कोशिश करते हैं कि किस दिशा में पितरों का वास होता है.
Credit:AI
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की दक्षिण दिशा में पितरों का वास होता है. श्राद्धपक्ष के दौरान इस दिशा में प्रतिदिन खड़े होकर प्रणाम करना चाहिए.
Credit:AI
ज्योतिषविद कहते हैं कि पितरों को प्रसन्न करने के लिए इस दिशा में प्रतिदिन चौमुखी दीपक जलाना भी बहुत शुभ होता है.
Credit:AI
इस दिशा में चौमुखी दीपक जलाने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है. और पितरों का आशीर्वाद हमेशा हम पर बना रहता है.
Credit:AI
इसके अलावा, पितृपक्ष में आपको शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे दीपक में काली तिल डालकर सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए.
Credit:AI