सोचिए, अगर इस समय परिवार का सदस्य अफगानिस्तान में हो. टीवी पर तालिबान का किस्सा हो. तो उसकी सलमाती को लेकर रूह तो कांप ही जाती होगी. कुछ ऐसी ही स्थिति जौनपुर के मयंक सिंह घर वालों की थी. मयंक अपने घर से दूर काबुल के स्टील प्लांट में जीएम के पद पर काम कर रहे थे. काबुल में तालिबान के कब्जे के बाद से घरों वालों के बीच घबराहट की स्थिति हो गई थी. लेकिन जब हिंडन एयरपोर्ट पर हवाई जहाज मंयक को लेकर लैंड किया, तो घर वालों के चेहरे पर खुशी लौट आई.
मयंक के लौटने के बाद यूपी तक की टीम से बात की. उन्होंने बताया कि कैसे बिना सरकार के तालिबान के नियंत्रण में जीवन चल रहा है. उन्होंने ये भी बताया कि क्या वहां पर भारतीय कर्मचारियों का अपहरण किया गया या नहीं.
मयंक ने ये भी बताया कि जिस प्लांट में वो काम कर रहे थे, उसमें अभी कितने लोग फंसे हैं. और उन्हें कब तक निकला जा सकता है. साथ में उन्होंने ये भी बताया कि कैसे बिना भारतीयों के वहां कई प्लांट बंद होने के कगार पर हैं.
वतन वापसी की खुशी किसे नहीं होती है. और जब व्यक्ति डर के माहौल से निकला हो, तो कृतज्ञता भी आ जाती है. मयंक और उनका परिवार सरकार को धन्यवाद देते नहीं थक रहा है.