UP Tak की गंगा यात्रा: भदोही के कालीन व्यवसाय के कारीगरों ने सुनाई अपनी पीड़ा, बताया ‘सच’
उत्तर प्रदेश में साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में राज्य का सियासी पारा हर दिन बढ़ता जा रहा है. इस बीच,…
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उत्तर प्रदेश में साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में राज्य का सियासी पारा हर दिन बढ़ता जा रहा है. इस बीच,…
उत्तर प्रदेश में साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में राज्य का सियासी पारा हर दिन बढ़ता जा रहा है. इस बीच, यूपी तक की टीम ‘गंगा यात्रा’ पर लोगों से उनका चुनावी मिजाज जानने के लिए निकली है. इसी क्रम में हम भदोही पहुंचे. वहां कालीन व्यवसाय और इससे जुड़े कारीगरों से बातचीत कर उनका चुनावी मूड जानने की कोशिश की.
भदोही में सबसे पहले हम घरों में चलने वाले लूमों के बारे में जानने पहुंचे. हमें पता चला कि ज्यादातर लूम बंद पड़े हैं. इसकी वजह क्या है? ये समझने की कोशिश के दौरान हमारी मुलाकात हबीब नामक शख्स से हुई.
हबीब बताते हैं, “कालीन उद्योग अब बड़ी-बड़ी कंपनियों के होकर रह गए हैं. कंपनियों के ऑर्डर पर ही कालीन तैयार किए जाते हैं.” इसके एवज में हबीब जैसे कई कारीगरों को मिलने वाले मेहनताने से जैसे-तैसे गुजर-बसर हो पाता है.
हबीब करीब 50 साल से कालीन बनाने का काम रहे हैं. करीब 10 साल की उम्र से ही उन्होंने कालीन बनाने का काम शुरू कर दिया था. हबीब के मुताबिक, इस व्यवसाय में 50 साल में काफी कुछ बदल गया है.
लूम बंद होने के कारण के सवाल पर हबीब कहते हैं, “मेहनत के अनुसार इस व्यवसाय में पैसे नहीं मिलते है, इसलिए लोग छोड़ रहे हैं. नई पीढ़ी को तो इस कारोबार में अब कोई दिलचस्पी ही नहीं है.”
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हबीब जैसे अन्य कालीन उद्योग के कारीगरों ने अपनी-अपनी पीड़ा बताई और अपना चुनावी मूड भी, जिसे आप ऊपर दिए गए वीडियो पर क्लिक कर देख सकते हैं.
ऐसे जुड़िए यूपी तक की ‘गंगा यात्रा’ से
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अगर आप भी यूपी तक की ‘गंगा यात्रा’ से जुड़ना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको बस एक फॉर्म भरना होगा. जिसका लिंक यहां पर क्लिक करने पर खुल जाएगा. इस फॉर्म में आपको अपना नाम, मोबाइल नंबर, जिला और आप किस मुद्दे पर बात करना चाहते हैं, इससे जुड़ी कुछ जानकारियां देनी हैं. इसके बाद आप भी यूपी तक की इस ‘गंगा यात्रा’ से जुड़ सकते हैं.
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