UP SI भर्ती परीक्षा में बैठे थे ऐसे अभ्यर्थी, जो 2 घंटे का पेपर महज 3 मिनट में खत्म कर दिए

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किसी भी एग्जाम को देने के बाद कोई चीज अगर दिमाग में चलती है तो वो ये है कि हमारे पास ऐसी कोई जादू की…

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किसी भी एग्जाम को देने के बाद कोई चीज अगर दिमाग में चलती है तो वो ये है कि हमारे पास ऐसी कोई जादू की छड़ी क्यों नहीं है, जिसे घुमाते और पलक झपकते ही सारे सवाल हल हो जाते.

दरअसल, ऐसी बातें मैं क्यों कह रहा हूं ये भी जानना बेहद जरूरी है. यूपी में जादूई छड़ी आजकल ऑनलाइन एग्जाम में स्क्रिन शेयरिंग प्रोसेस है. जिसके चलते UPSI यानी उत्तर प्रदेश दरोगा भर्ती के पेपर में धड़ल्ले से लाखों रुपय लेकर अयोग्य अभ्यार्थियों को पास करवाया गया. अब जो बाकि अभ्यर्थी हैं उन्होने लखनऊ के इको गार्डन में मोर्चा खोल रखा है. लेकिन सवाल यहां ये उठता है की प्रशासन ने अब तक क्या किया.

सबसे पहले जान लीजिए UPSI की भर्ती 2021 में आई थी. कुल 9534 पदों पर भर्ती का ऐलान हुआ था. तकरीबन 12 लाख लोगों ने आवेदन दिया था. उनमें से लगभग 7 लाख 61 हजार अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी. 12 नवंबर 2021 से ऑनलाइन परीक्षा शुरू हुई जो 2 दिसंबर 2021 तक चली. 14 अप्रैल 2022 को मेरिट लिस्ट जारी की गई, जिसमें 36,170 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया.

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इसके बाद लगातार यूपी पुलिस और UP STF की टीमों ने छापेमारी कर एग्जाम में धांधली करने वालों को गिरफ्तार किया. 7 मई, 2022 को लखनऊ पुलिस ने मेरिट लिस्ट में शामिल 6 ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया,जिन पर एग्जाम में धांधली करने का आरोप लगा. इनमें से किसी ने परीक्षा केंद्र के मैनेजमेंट को पैसे खिलाए, तो किसी ने सॉल्वर गैंग का सहारा लिया.

ये वो अभ्यर्थी थे, जो कि डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और फिजिकल स्टैंडर्ड टेस्ट के लिए रिजर्व पुलिस लाइन पहुंचे थे. इनसे मौके पर पूछताछ की गई और फिर ये गिरफ्तार कर लिए गए.

इसका मतलब STF द्वारा लगातार छापों के बावजूद कुछ लोगों ने न सिर्फ गैर-कानूनी तरीके से परीक्षा दे दी थी, बल्कि ये लोग उसमें पास तक हो गए थे. बता दें कि नवंबर 2021 से अब तक 118 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

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पुलिस ने 4 ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने 2 घंटे का पेपर महज 3 मिनट में खत्म कर दिया था. 160 सवालों को हल करने के लिए 2 घंटे का समय था. लेकिन पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों ने महज 180 सेकेंड में 160 सवाल हल कर दिए.

पिछले दिनों लखनऊ में ऐसे ही ‘मेधावी’ अभ्यर्थी देखे गए थे जो 160 में से 150 और उससे अधिक सवाल हल किए थे. बस यही ज्यादा सवाल का हल करना भर्ती बोर्ड के अफसरों को खटक गया. कैंडिडेट रिस्पांस लॉग चेक किया जाने लगा, तो पता चला कि जिन अभ्यर्थियों ने डेढ़ सौ से अधिक सवाल हल किए उनमें 57 अभ्यर्थी ऐसे हैं जिन्होंने 10 मिनट के अंतराल में ही डेढ़ सौ सवालों के जवाब दे दिया.

ऐसा नहीं है कि सिर्फ इसमें पुरुष ही शामिल हैं. इस भर्ती परीक्षा में कई ‘मुन्नाभाई’ और ‘मुन्नाबहन’ भी पकड़े गए हैं. गलत तरीकों से मेरिट में जगह तो बना ली, मगर DV-PST में एक-एक कर धरे जा रहे हैं. अकेले लखनऊ में बीते 12 दिनों में 70 से ज्यादा घपलेबाज गिरफ्तार हुए हैं, इनमें करीब 10 महिलाएं भी हैं.

आपको बता दें की 20-21 अप्रैल से तमाम अभ्यर्थी इस तपती धूप में ईको गार्डन में मौजूद धरना दे रहे हैं कि इस पेपर पर SIT जांच बैठाई जाए. मामले में और लोग शामिल हो सकते हैं. रोजना घपले बाजों को पकड़ा जा रहा है, लेकिन प्रशासन की कान में बत्ती लगाए बैठा है. प्रदर्शन कर रहे युवाओं के पास जाना तो दूर की बात है. मगर यहां बड़ा सवाल तो ये है कि अब प्रशासन का आगे क्या रुख होगा.

UPSI 2021 भर्ती परीक्षा में धांधली का हुआ खुलासा, ऑनलाइन एग्जाम में इस तरह हुई थी गड़बड़ी

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